Central Vista Project: भारत के नए संसद भवन के निर्माण की खबर से लेकर उसके उद्घाटन तक जो प्रोजेक्ट सबसे ज्यादा चर्चा में रहीं वो है ‘सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट’।
भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में इस बहुआयामी प्रोजेक्ट की चर्चा हुई। चर्चा होना लाज़मी भी है क्योंकि इसके अंतर्गत ही भारत के नए संसद भवन का निर्माण हुआ।
आज हम आपको ‘सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट’ के बारे में बताएंगे, जिसके बारें में भारत के प्रत्येक नागरिक को जानना चाहिए।
क्या है ‘सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट’?
‘सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट’ नई दिल्ली के रायसीना हिल के पास स्थित देश के केंद्रीय प्रशासनिक क्षेत्र में होने वाली एक महत्वपूर्ण पुनर्विकास पहल है।
इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य इस महत्वपूर्ण सरकारी क्षेत्र को पूरी तरह से कायाकल्प करना है, जिसमें देश की कुछ सबसे प्रतिष्ठित संरचनाएं और क्षेत्र शामिल हैं।
‘सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट’ के उद्देश्य
इस प्रोजेक्ट (Central Vista Project) के तीन प्रमुख उद्देश्य है:
- भारत की संसद के लिए नई सुविधाओं का निर्माण: इसका उद्देश्य एक नया, आधुनिक संसद भवन बनाने का है, जो विधायी शाखा की बढ़ती मांगों को समायोजित कर सके।
- एक कुशल और टिकाऊ केंद्रीय सचिवालय की स्थापना: इसका उद्देश्य समन्वय और दक्षता बढ़ाने के लिए भारत सरकार के सभी मंत्रालयों को एक जगह पर लाना है। टिकाऊ डिज़ाइन से कार्बन पदचिह्न को कम करने और एक स्वस्थ कार्य वातावरण को बढ़ावा देने की उम्मीद है।
- सांस्कृतिक और विरासत सुविधाओं का विकास: इस योजना में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करने वाले क्षेत्रों का पुनरुद्धार और विकास भी शामिल है।
मंत्रिस्तरीय बजट आवंटन
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री ने अक्टूबर 2019 में इस प्रोजेक्ट (Central Vista Project) की घोषणा की।
इसकी लागत लगभग 20,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो इसे देश की सबसे महंगी शहरी पुनर्विकास परियोजनाओं (प्रोजेक्ट) में से एक बनाती है।
इसमें अब तक, दो परियोजनाओं के लिए अनुबंध (Contract) प्रदान किये जा चुके हैं:
नई संसद भवन: नई संरचना संसदीय मामलों के लिए अधिक स्थान प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है और इसके लागत का अनुमान लगभग 862 करोड़ लगाया गया था, जो बढ़कर 971 करोड़ हो गया।
सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का कायाकल्प: प्रोजेक्ट के इस हिस्से में सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का पुनर्विकास शामिल है, जो नई दिल्ली के केंद्र में एक प्रतिष्ठित खंड है। इसकी लागत 477 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जहां ‘सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट’ को भारत के प्रशासनिक कार्यों को आधुनिक बनाने और सुव्यवस्थित करने के साधन के रूप में देखा जाता है, वहीं यह देश के भीतर विवाद और बहस का विषय भी रहा है, जिसमें सार्वजनिक खर्च की प्राथमिकता, विरासत संरक्षण, जैसे मुद्दे भी शामिल हैं।
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