गाजियाबाद। दिल्ली के प्रवेश बिंदु गाजीपुर Ghazipur Border पर एक साल पहले डेरा जमाने वाले किसान, आंदोलन के ‘स्थगन’ के साथ आखिरकार बुधवार को भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत Rakesh Tikait के नेतृत्व में विजय यात्रा के साथ घरों को लौट गए। सुबह हवन पूजन और प्रसाद में हलवा वितरण के बाद भारत माता की जयकार व देशभक्ति के गीतों के बीच विजय यात्रा में शामिल किसान अपने गंतव्य को रवाना हुए। इस दौरान टिकैत ने कहा कि आंदोलन ने बहुत कुछ सिखाया है और इसकी खट्टी-कड़वी और मीठी यादें हमेशा साथ रहेंगी।
गौरतलब है कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर सिंघू, टिकरी और गाजीपुर में आंदोलन Kisan Andolan शुरू किया था और हाल ही में केंद्र सरकार ने इन कानूनों को रद्द कर दिया था जिसके बाद किसानों की घर वापसी हुई है। गाजीपुर से किसानों के रवाना होने से पहले पत्रकारों से बात करते हुए भाकियू प्रवक्ता टिकैत ने सहयोग के लिए जनता का आभार जताया और कहा ‘‘383 दिनों तक चले आंदोलन ने बहुत कुछ सिखाया है और इसे याद रखा जाएगा। आंदोलन की खट्टी मीठी, कड़वी यादें हमेशा साथ रहेगी।‘’
इसके बाद टिकैत समर्थकों के साथ गाजीपुर से मुजफ्फरनगर जिले के अपने गांव सिसौली के लिए रवाना हुए।टिकैत ने गाजीपुर से रवानगी के फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर भी साझा किए। टिकैत ने ट्वीट किया “13 महीने सड़क पर संघर्ष, आज घर वापसी देश के नागरिकों का हार्दिक आभार।” इससे पहले सुबह गाजीपुर बार्डर पर हवन किया गया और प्रसाद में हलवा और खीर बांटी गई। गाजीपुर से सामान को समेटने के बीच सुबह घर के लिए रवाना हो रहे किसानों के लिए लंगर में नाश्ते-भोजन का भी प्रबंध किया गया था।
गाजीपुर बॉर्डर pic.twitter.com/efY52imSoQ
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) December 15, 2021
भाकियू के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि मुजफ्फरनगर के सिसौली में अपने घर जाने से पहले टिकैत सर्व खाप के मुख्यालय सौरम जाएंगे। उन्होंने बताया कि आंदोलन में जीत के बाद घर लौट रहे किसानों के जोरदार स्वागत के लिए सिसौली में तैयारियां की गई है। उन्होंने कहा कि बड़ी मात्रा में मिठाई तैयार की गई है और सिसौली स्थित किसान भवन को फूलों से सजाया गया है।
किसान संगठनों के नेतृत्वकारी संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने तीनों कानूनों के रद्द होने के बाद प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ पुलिस में दर्ज मामले वापस लिये जाने और ‘एमएसपी’ सहित अपनी मुख्य लंबित मांगों को स्वीकार करने का एक ‘‘औपचारिक पत्र’’ केंद्र सरकार से प्राप्त होने के बाद नौ दिसंबर को अपने आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा की थी।
एसकेएम ने कहा था कि किसान 11 दिसंबर को ‘‘विजय दिवस’’ के रूप में मनाएंगे, जिसके बाद वे अपने घर लौटेंगे। इसके बाद सिंघू व टिकरी सीमा से किसान शनिवार को घर लौट गए थे। टिकैत ने तब किसानों के पहले समूह के 11 दिसंबर को उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश रवाना होने की जानकारी देते हुए कहा था कि किसान 15 दिसंबर तक गाजीपुर सीमा पर अपना आंदोलन स्थल पूरी तरह से खाली कर देंगे।