नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी सप्ताह में मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसदीय दल की बैठक हुई जिसमें केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने निर्वाचन विधि संशोधन विधेयक के बारे में एक प्रस्तुति दी और सदस्यों को बताया कि आखिरकार इसकी जरूरत क्यों पड़ी। बैठक के बाद संवाददाताओं को संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने यह जानकारी दी। निर्वाचन विधि संशोधन विधेयक को सोमवार को लोकसभा की मंजूरी मिल गई। राज्यसभा में आज इस विधेयक को चर्चा व पारित कराने के लिए सूचिबद्ध किया गया है। मेघवाल ने बताया कि बैठक को भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने संबोधित किया और सांसदों से आह्वान किया कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाएं और इस दौरान समाज सेवा से जुड़े काम करें। उन्होंने कहा कि नड्डा ने सांसद खेल स्पर्धा का उल्लेख किया और पार्टी सांसदों से अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों में ऐसी प्रतियोगिताओं का आयोजन करने को कहा। मेघवाल के मुताबिक नड्डा ने अपने संबोधन में केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्रालय की ओर से कुपोषण को समाप्त करने के लिए चलाए जा रहे स्वस्थ बाल बालिका स्पर्धा का उल्लेख किया और सभी सांसदों को अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों में इसका आयोजन करने को कहा।केंद्रीय मंत्री ने बताया कि नड्डा ने एक आंकड़ा प्रस्तुत करते हुए कहा कि देश में करीब 13 करोड़ 78 लाख कुपोषित बच्चे हैं और इनमें से सात करोड़ 51 लाख बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र से जुड़े हैं जबकि छह करोड़ 27 लाख ऐसे बच्चे हैं जो आंगनबाड़ी केंद्रो से जुड़े नहीं हैं।
उन्हें पश्चाताप होना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं है
नड्डा ने सांसदों से कहा कि वह ऐसे सभी बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों से जोड़ें जो विभिन्न कारणों से अभी तक इससे जुड़ नहीं सके हैं। नड्डा ने सभी सांसदों से संसद के अगले बजट सत्र से पहले इन बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों तक पहुंचाने का जिम्मा उठाने को कहा। भाजपा अध्यक्ष ने सभी सांसदों से कहा कि वह जब भी अपने संसदीय क्षेत्र में रहें, जिला व मंडल अध्यक्षों सहित अन्य स्थानीय पदाधिकारियों और बूथ अध्यक्षों से लेकर पन्ना प्रमुखों तक के साथ बैठक करें और सांगठनिक गतिविधियों की जानकारी लें तथा कोई कमी हो तो उसे दूर करें।संसदीय कार्य राज्यमंत्री ने राज्यसभा से निलंबित सदस्यों के मुद्दे पर कहा कि उन्होंने सदन की मर्यादा को धूमिल करने का काम किया है। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें पश्चाताप होना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं है। यदि वह अपनी गलती के लिए क्षमा मांगते हैं तो सरकार उनका निलंबन वापस लेने पर विचार कर सकती है।
आज की बैठक में प्रधानमंत्री नहीं थे
’’ उन्होंने कहा कि यह संसदीय परंपरा भी रही है कि यदि कोई सदस्य अशोभनीय आचरण करता है तो वह माफी मांगकर सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेता है। बैठक में मध्य प्रदेश के राजगढ़ से भाजपा के सांसद रोडमल नागर ने अपने संसदीय क्षेत्र में ‘‘वोकल फोर लोकल’’ और ‘‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’’ केंद्रित चलाए जा रहे एक अभियान पर प्रस्तुति दी। मेघवाल ने कहा कि जो सांसद अपने क्षेत्रों में अच्छा काम कर रहे हैं, उन्हें संसदीय दल की बैठक में अपने अनुभव साझा करने का भी मौका दिया जाता है। भाजपा संसदीय दल की यह बैठक आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में हुई। मौजूदा सत्र में यह संसदीय दल की दूसरी बैठक की थी। सत्र के दौरान अमूमन हर मंगलवार को संसदीय दल की बैठक हुआ करती है। पिछली बैठक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया और उन्होंने सदस्यों से संसद की कार्यवाही के दौरान अनुपस्थित रहने पर नाराजगी जताई थी।आज की बैठक में प्रधानमंत्री नहीं थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जरूर उपस्थित थे। हालांकि उनका संबोधन नहीं हुआ।