वैसे आमतौर पर चूहों को अक्सर आवासीय इलाकों और अनाज से भरे भंडार गृहों में देखा जाता है। ये प्रायः सभी घरों में रहते हैं, जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है, क्योंकि चूहे घरों में रखी हुई सभी सामानों और चीजों को नुकसान पहुंचाते हैं।
लोग चूहों के उत्पात को कम करने के लिए विभिन्न तरीके अपनाते हैं, जिससे कि वह चूहों को अपने घर से बाहर निकाल सकें। लेकिन अब कोई एक आदमी या परिवार ने नहीं बल्कि एक देश ने चूहों को लेकर ऐसा फैसला लिया जिसे सुनते ही आप हैरत में पड़ जाएंगे।
तो आइए जानते हैं, उस देश के बारे में और उसके द्वारा लिए गए फैसले के बारे में कि पूरा मामला आखिर क्या है?
न्यूजीलैंड ने किया आदेश जारी
न्यूजीलैंड में चूहों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि वहां रहने वाले चूहों के अलावा अन्य जीव-जन्तु के अस्तिस्व पर ही खतरा मंडराने लगा है। यहां तक की देश के राष्ट्रीय पक्षी को भी बढ़ती चूहों की संख्या से खतरा पैदा हो गया है। इसलिए न्यूजीलैंड की सरकार की तरफ से यह आदेश जारी किया गया है कि चूहों जहां पर देखा जाए उन्हें तुरंत ही मार दिया जाए।
राष्ट्रीय पक्षी कीवी को है खतरा
आपको बता दें कि न्यूजीलैंड का राष्ट्रीय पक्षी कीवी है। बढ़ती चूहों की संख्या से यह पक्षी खतरे की श्रेणी में आ गया है। साथ ही चूहों की वजह से पूरा देश परेशान है। चूहे अनाज और जगंल का सफाया करने में जुटे हैं। बड़ी मात्रा में अनाज को चूहों के द्वारा खराब किया जा रहा है। जिससे लोगों के सामने खाद्य संकट के बादल मंडराने लगे है। इसलिए न्यूजीलैंड ने चूहों को मारने के लिए अभियान चलाने का फैसला लिय है।
चूहों के संपूर्ण विनाश की घोषणा
सरकार की तरफ से चलाए जा चूहों के विनाश अभियान में नए-नए तरीके खोजे जा रहे हैं। जिससे आसानी से चूहों पर नियंत्रण पाया जा सके। सरकार की तरफ से घोषणा भी की गई है चूहों के सम्पूर्ण विनाश की। राष्ट्रीय पक्षी को बचाने के लिए यह पूरा अभियान चलाया जा रहा है।
अभियान की समयसीमा 2050 तक तय
इस अभियान में न्यूजीलैंड को 2050 तक चूहों से मुक्त रखने का लक्ष्य रखा गया है। बता दें कि न्यूजीलैंड का राष्ट्रीय पक्षी कीवी है जो कि आकार बेहद ही छोटा होता है। साथ ही यह उड़ भी नहीं सकता है। जिसकी वहज इसे चूहों से ज्यादा खतरा बना हुआ है।
इन प्रजातियों को बताया खतरा
न्यूजीलैंड की सरकार की तरफ से जारी किए कानून के मुताबिक, तीन प्रजीतियों को देश के लिए खतरा बताया गया है जिसमें रैट्स, मस्टेलिड्स और पोसम शामिल हैं। इनको खत्म करने के लिए 2050 तक की समय सीमा निर्धारित की गई है।
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