/bansal-news/media/post_attachments/PRD_BansalNews/poster-5.webp)
हाइलाइट्स
- गेमिंग की लत सेहत को पहुँचाती है नुकसान
- माता-पिता का समय सबसे असरदार उपाय
- बच्चों को क्रिएटिव एक्टिविटीज़ से जोड़ें
Kids Gaming Addiction: आजकल ज्यादातर बच्चे घंटों मोबाइल या कंप्यूटर पर गेम खेलते रहते हैं। ये सिर्फ टाइम पास नहीं, बल्कि धीरे-धीरे एक लत बनती जा रही है। यही आदत उनकी आंखों, दिमाग और व्यवहार पर नकारात्मक असर डाल रही है। तो क्या करें ताकि बच्चा गेमिंग के इस जाल में फंसे नहीं? आइए जानें, कुछ आसान लेकिन असरदार उपाय।
प्यार से समझाएं गेमिंग के नुकसान
बच्चे को अचानक गेम खेलने से रोकना या डांटना उल्टा असर डाल सकता है। बेहतर होगा कि आप उसे शांत तरीके से समझाएं कि ज़्यादा गेम खेलने से आंखों की रोशनी कम हो सकती है, शरीर में दर्द और मोटापा बढ़ सकता है, और नींद या मूड से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं। जब आप तर्क और प्यार से बात करेंगे, बच्चा धीरे-धीरे आपकी बात मानने लगेगा।
गेमिंग के लिए तय करें समय सीमा
गेमिंग को पूरी तरह रोकने की बजाय इसके लिए समय तय करें। बच्चे के साथ बैठकर एक रूटीन बनाएं—जैसे दिन में केवल 30 मिनट या एक घंटे की अनुमति। पढ़ाई या फिजिकल एक्टिविटी के बाद ही गेम खेलने दें। हफ्ते में 1–2 दिन “नो स्क्रीन डे” रखें। पैरेंटल कंट्रोल या टाइम लिमिट सेटिंग्स का इस्तेमाल भी मददगार रहेगा।
ये भी पढ़ें:Samsung New Smartphone: सैमसंग ने लॉन्च किए Galaxy A07, F07 और M07 स्मार्टफोन, कीमत 6,999 रुपये से शुरू
बच्चे के साथ वक्त बिताएं
अकेलापन बच्चों को ऑनलाइन दुनिया की ओर धकेलता है। अगर माता-पिता बच्चे के साथ समय बिताएं, उसकी पसंद की गतिविधियों में शामिल हों, या रोज़ थोड़ा खेलें, तो बच्चा वास्तविक रिश्तों और खेलों की ओर आकर्षित होगा। साथ में पार्क जाना या कोई आउटडोर गेम खेलना शानदार विकल्प है।
बाहर खेलने की आदत डालें
खुले में खेलना बच्चों के शरीर और दिमाग दोनों के लिए ज़रूरी है। शुरू में बच्चे को प्रेरित करने के लिए आप खुद उसके साथ बाहर जाएं — वॉक पर, साइकिलिंग या बॉल गेम खेलने। धीरे-धीरे बच्चा खुद बाहर जाने लगेगा और उसका स्क्रीन टाइम घट जाएगा।
बच्चे की क्रिएटिविटी को दिशा दें
गेम खेलने की बजाय अगर बच्चे को पेंटिंग, म्यूज़िक, डांस या कुकिंग जैसी क्रिएटिव एक्टिविटीज़ में लगाया जाए, तो उसकी ऊर्जा सही दिशा में जाएगी। उसे क्विज़, आर्ट प्रतियोगिता या ओलंपियाड में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करें। इससे उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा और गेमिंग का आकर्षण घटेगा।
ऑनलाइन गेमिंग की लत कोई मामूली बात नहीं है, लेकिन सही संवाद, संतुलित रूटीन और माता-पिता के सहयोग से इसे रोका जा सकता है। बच्चे को प्यार से दिशा दें—डर या सज़ा से नहीं, बल्कि समझ और साथ से।
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/10/15/2025-10-15t102639676z-logo-bansal-640x480-sunil-shukla-2025-10-15-15-56-39.png)
Follow Us
/bansal-news/media/post_attachments/PRD_BansalNews/ruPU6dng-p1.webp)
/bansal-news/media/post_attachments/PRD_BansalNews/poster-6.webp)
चैनल से जुड़ें