कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को पूरे पश्चिम बंगाल में ‘खेला होबे दिवस’ मनाया और पार्टी नेताओं ने इस अवसर पर राज्य भर में फुटबॉल मैच आयोजित कराए। इन आयोजनों का उद्देश्य खेलों को बढ़ावा देना और उन 16 लोगों को सम्मान देना था जिनकी 1980 में इसी दिन कोलकाता में एक फुटबॉल मैच के दौरान मची भगदड़ में मौत हो गई थी।
टीएमसी प्रमुख एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले महीने घोषणा की थी कि 16 अगस्त को ‘खेला होबे दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।इस साल अप्रैल-मई में हुए विधानसभा चुनाव में ‘खेला होबे’ नारे का इस्तेमाल हुआ था।
त्रिपुरा: अगरतला में टीएमसी कार्यकर्ताओं ने फुटबॉल खेलकर और नारेबाजी करके 'खेला होबे दिवस' मनाया। pic.twitter.com/bxZe8iQa0J
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 16, 2021
चुनाव में टीएमसी ने भाजपा को करारी शिकस्त दी थी। टीएमसी राष्ट्रीय स्तर पर अपने पैर जमाने की कोशिश में लगी है, उसने देश के अन्य हिस्सों में यह दिवस मनाने के लिए बड़ी योजनाएं बनाई हैं, जिनमें त्रिपुरा भी शामिल है जहां 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं।
टीएमसी के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने कहा, राज्य भर में ‘खेला होबे दिवस’ मनाया जा रहा है। देश के अन्य हिस्सों में भी, हमारी कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है। हालांकि, कुछ भाजपा शासित राज्यों में हमें अनुमति नहीं दी गई। हम अब भी अधिकारियों के साथ मामले को आगे बढ़ा रहे हैं।
.@MamataOfficialর ডাকে " খেলা হবে দিবস।" সর্বত্র পালন চলছে। @AITCofficial তো বটেই, বহু ক্লাব, এমনকি অন্য দলের নেতা, সদস্যরাও এই দিনটিকে মান্যতা দিয়ে ফুটবল নিয়ে নেমেছেন। বাংলা, ত্রিপুরাসহ বহু রাজ্যে একই ছবি। অনেকের পায়ে আজই প্রথম ফুটবলের ছবিও দেখা যাচ্ছে। দারুণ সাড়া। pic.twitter.com/y2cGvO2G5I
— Kunal Ghosh (@KunalGhoshAgain) August 16, 2021
पश्चिम बंगाल सरकार ने विभिन्न स्टेडियमों में कार्यक्रम आयोजित किए और विभिन्न क्लबों को फुटबॉल दिए। इस बीच भाजपा ने ‘खेला होबे दिवस’ का विरोध करते हुए दावा किया कि मुस्लिम लीग ने 16 अगस्त को ‘सीधी कार्रवाई’ शुरू की थी और ‘ग्रेट कलकत्ता कीलिंग’ का आरंभ हुआ था। पार्टी ने यह दिन ‘पश्चिमबोंगो बचाओ दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है।