भोपाल। कोरोना महामारी के बीच टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन किया है। खिलाड़ियों के पदक जीतते ही पीएम मोदी समेत अन्य नेताओं ने खिलाड़ियों को बधाई देना शुरू कर दिया। इसी बीच लोगों की मांग को देखते हुए खेल जगत में देश का सबसे बड़ा सम्मान माना जाने वाला राजीव गांधी खेल रत्न (Rajiv Gandhi Khel Ratna) सम्मान को मेजर ध्यानचंद के नाम पर दिए जाने के ऐलान कर दिया गया है। अब इस ऐलान के बाद सियासत गर्मा गई है। भाजपा के इस फैसले को लेकर कांग्रेस ने जमकर कोसा है। वहीं भाजपा नेताओं ने भी कांग्रेस के बयान का पलटवार किया है। प्रदेश में भाजपा के इस फैसलो को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई है। सबसे पहले पीसी शर्मा ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा सरकार का बस चले तो भारत का नाम बदल कर दीनदयाल देश रख दे। शर्मा ने कहा कि देश के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह की राजनीति देश में हो रही है। राजीव गांधी ने देश में खेलों के लिए बजट बढ़ाया था। वहीं मोदी सरकार ने खेलों के बजट घटाया है।
रामेश्व शर्मा का पलटवार
वहीं पीसी शर्मा के बयान पर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने पलटवार किया है। रामेश्वर शर्मा ने कहा कि जिन्होंने देश के लिए खेला है यह फैसला उनके लिए समर्पित है। जिन्होंने देश के साथ खेला उन्हें तिलांजलि। रामेश्व शर्मा ने कहा कि मेजर ध्यान चंद्र के नाम पर खेल रत्न देने की जो घोषणा की गई है। इस फैसले से खिलाड़ियों का गौरव बढ़ा है। शर्मा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने हिंदुस्तान को अपनी बपौती समझ रखा था। शांतिवन का नाम होगा तो सिर्फ इंदिरा जी के नाम जाना जाएगा। बाकी नाम होंगे तो राजीव नगर होगा, सोनिया नगर के नाम से जाना जाएगा। वहीं तीखे स्वर में बोलते हुए रामेश्वर शर्मा ने कहा कि क्या इस देश मे चंद्रशेखर आजाद के नाम पर कुछ नहीं होगा? भगत सिंह के नाम पर कुछ नहीं होगा? राम प्रसाद बिस्मिल के नाम पर कुछ नहीं होगा? क्या जो कुछ भी किया इस देश में वह सिर्फ पंडित नेहरू और इंदिरा जी ने किया है? कांग्रेस में ही लाल बहादुर शास्त्री को कभी नहीं पूछा गया। शर्मा ने कहा कि हिंदुस्तान किसी एक खानदान की बापौती नहीं है।