Khatarnak Yog June 2024: प्रतिदिन बदलती ग्रहों की चाल लोगों के जीवन पर सीधा प्रभावित करती है। लेकिन अगले महीने यानी जून में ग्रह गोचर में बड़ा फेरबदल होने जा रहा है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार 300 साल बाद ऐसा संयोग बनने जा रहा है। जिसमें पांच ग्रहों का योग (Panch Grahi Yog 2024) उस पर केतू की नजर पड़ने वाली हैं
300 साल पहले बना था ये योग
ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल पांडे ने बताया कि पंचांग को जहां तक पलट कर देखा गया है इसके अनुसार इस साल 2024 में बनने वाला ये योग इससे पहले 1724 में बना था। पर कई पंचांगों के अनुसार ये संयोग 500 साल बाद बताया जा रहा है।
कब आएगी पंचग्रही योग पर केतू की नजर
ज्योतिषाचार्य पंडित पांडे के अनुसार वृष राशि में पंचग्रह योग (Vrish Rashi Panch Grahi Yog 2024) बन रहा है। लेकिन इन ग्रहों पर केतू की दृष्टि (panchagrahi yog par ketu ki vakra drishti) रहेगी।
पुष्पांजलि पंचांग (Pushpanjali Panchang 2024) के अनुसार वृष राशि में अगले महीने ये योग बनेगा। इसके अनुसार 5 जून को सुबह 4:14 सूर्य (Surya) , शुक्र(Shukra) , बुध(Budh) , गुरु (Guru) और चंद्रमा (Chandrama) वृष राशि (Vrish Rashi) में आएंगे। जो 7 जून को सुबह 7:55 तक रहेंगे।
2012 में साथ में थे केतू
इसके पहले यह योग 21 मई 2012 से 23 मई 2012 तक था। लेकिन इस दौरान उस समय केतु भी साथ में था। जिसके कारण इस पंचग्रही योग का प्रभाव काफी कम हो गया था। परंतु इस बार इस पंचग्रही योग पर केतु की दृष्टि है। केतु का सीधा असर नहीं है।
300 साल पहले के योग में अंतर
अगर हम इस पंच ग्रही योग के साथ केतु की दृष्टि को भी लें तो इस प्रकार का योग पिछले 300 वर्षों में नहीं पड़ा है यानी सूर्य, बुध, गुरु, शुक्र और चंद्रमा वृष राशि में हों और केतु ग्रह कन्या राशि इन सभी ग्रहों को देख रहा हो इस प्रकार का योग पिछले 300 वर्षों में कभी नहीं पड़ा है। एक अनुमान के अनुसार यह समय 500 वर्षों तक जा सकता है।
भुवन विजय पंचांग
भुवन विजय पंचांग के अनुसार ये पंचग्रही योग (June Panchagrahi Yog) 5 जून को सुबह 3:40 से शुरू होगा जो दो दिन तक रहेगा। इसके बाद 7 तारीख को सुबह 8:18 तक रहेगा।
लाला रामस्वरूप पंचांग के अनुसार यह योग 4 जून को 3:44 रात से प्रारंभ हो रहा है और 7 जून को 8:22 दिन तक रहेगा।
कितनी डिग्री पर रहेंगे शुक्र, बुध और सूर्य
इस योग के समय सूर्य 21 डिग्री 32 मिनट का है। शुक्र 21 डिग्री 3 का मिनट का है और बुध 11 डिग्री 4 मिनट का है। यानी शुक्र और बुध अस्त रहेंगे। इस दौरान इनका प्रभाव बहुत कम रहेगा।
चंद्रमा 6 तारीख को अस्त रहेगा। लेकिल चार और पांच तारीख को अधिकतर समय में वह अस्त नहीं रहेगा। चंद्रमा वृष राशि में उच्च का होता है और सूर्य अपने शत्रु ग्रह की राशि में होता है।
पंचग्रही योग पर केतू की दृष्टि का सभी राशियों पर असर
मेष राशि पर असर
मेष राशि में यह योग द्वितीय भाव में बन रहा है जो की धन भाव कहलाता है। इस भाव से धन सम्मान, मनोकामना, दाई आंख की विवेचना की जाती है। मेष राशि वालों को पर्याप्त धन की प्राप्ति होगी। सम्मान की प्राप्ति होगी और व्यापार में स्थिरता रहेगी।
वृष राशि पर असर
वृष राशि वाले जातकों के लिए इस योग के कारण उनका स्वास्थ्य सामान्य रहेगा। व्यापार स्थिर रहेगा। विवाह के प्रस्ताव (Vivah Yog ) आ सकते हैं। परंतु उनको चर्म संबंधी विकार हो सकता है।
मिथुन राशि पर असर
आपके खर्चे में वृद्धि होगी। कचहरी के कार्यों में सामान्य रूप से सफलता मिल सकती है। प्रेम संबंधों में वृद्धि हो सकती है।
कर्क राशि पर असर
धन लाभ की मात्रा बढ़ेगी। व्यापार में लाभ होगा। मानसिक क्षोभ हो सकता है। छात्रों की पढ़ाई ठीक चलेगी। रिजल्ट में अच्छे परिणाम आएंगे।
सिंह राशि पर असर
प्रशासनिक कार्य कुशलता में वृद्धि होगी। पिताजी को मानसिक क्लेश हो सकता है। माता जी का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। आपके सम्मान में वृद्धि होगी।
कन्या राशि पर असर
भाग्य से आपको मदद मिल सकती है। आपके जीवनसाथी के भाग्य से भी आपको मदद मिलेगी। भाई बहनों के साथ संबंध सामान्य रहेंगे।
तुला राशि पर असर
धन आने का पर्याप्त योग है। प्रेम संबंध में वृद्धि हो सकती है। ऋण में कमी होगी। गुप्त शत्रु बनेंगे। कोई सामग्री चोरी भी हो सकती है।
वृश्चिक राशि पर असर
विवाह तय होने का उपयुक्त समय है। विवाह के अच्छे प्रस्ताव आएंगे। प्रेम संबंधों में वृद्धि होगी। व्यापार में वृद्धि होगी। धन पर्याप्त मात्रा में आएगा।
धनु राशि पर असर
आंख और हड्डी के रोग होने की संभावना है। मानसिक तनाव भी आएगा। शत्रु बढ़ेंगे। पेट में पीड़ा हो सकती है।
मकर राशि पर असर
छात्रों की पढ़ाई ठीक-ठाक चलेगी। संतान से सहयोग प्राप्त होगा। धन लाभ होने की उम्मीद है।
कुंभ राशि पर असर
प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। माता जी का स्वास्थ्य ठीक-ठाक रहेगा। उनको मानसिक परेशानी हो सकती है। आपके खर्चे में वृद्धि होगी आपके घर में मंगल कार्यक्रम हो सकते हैं।
मीन राशि पर असर
भाई बहनों के साथ संबंध सामान्य रहेगा भाइयों के साथ तनाव हो सकता है। आपके पराक्रम में वृद्धि होगी। भाग्य से कोई खास मदद नहीं प्राप्त होगी।
अशुभ केतू के संकेत क्या हैं
आपको बता दें हर ग्रह की स्थिति कुंडली में उसके भाव पर निर्भर करती है। अगर किसी जातक की कुंडली में केतु अशुभ भाव में बैठा होता है तो इस स्थिति में व्यक्ति को नींद, धन हानि, धन लाभ में परेशानी, पारिवारिक तनाव, संतान कष्ट और जोड़ों में दर्द जैसी समस्याओं से घेरने लगती हैं। केतु न सिर्फ अशुभ फल देता है, बल्कि यह शुभ फल देने की क्षमता भी रखता है।
केतू के प्रभाव को शुभ बनाने के उपाय
1: अगर आपको लगता है कि आपकी कुंडली में केतु दोष है या केतू की स्थिति अच्छी नहीं है तो इस स्थिति में कंबल, छाता, लोहा, उड़द, गर्म कपड़े, कस्तूरी, लहसुनिया आदि का दान करना करना चाहिए।
2: केतू के दुष्प्रभाव से बचने के लिए रत्न धारण किया जा सकता है। केतु को जल्दी शांत करने के लिए प्रतिदिन काले-सफेद कुत्ते को अन्न खिलाना चाहिए।
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