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खजुराहो नृत्य समारोह: शास्त्रीय नृत्य मैराथन में बना गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड, 24 घंटे से ज्यादा 139 कलाकारों ने किया डांस

Khajuraho Dance Festival: खजुराहो नृत्य महोत्सव में शास्त्रीय नृत्य मैराथन में 139 कलाकारों ने लगातार 24 घंटे 9 मिनट 26 सेकंड तक नृत्य किया। जिस गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। इसका प्रमाण पत्र सीएम मोहन यादव ने प्राप्त किया।

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BP Shrivastava
Khajuraho Dance Festival

Khajuraho Dance Festival: विश्वविख्यात खजुराहो नृत्य महोत्सव के 51वें संस्करण का आगाज गुरुवार को खजुराहो में एक रिकॉर्ड के साथ हुआ। इस बार समारोह में मध्यप्रदेश ने एक और नया इतिहास रच दिया। शास्त्रीय नृत्य मैराथन (रिले) में 24 घंटे 9 मिनट 26 सेकंड तक लगातार 139 कलाकारों ने नृत्य किया। जिसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। गुरुवार को सीएम मोहन यादव ने इस गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रमाण पत्र को प्राप्त किया।

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नृत्य प्रस्तुति से दर्शक मंत्रमुग्ध

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कुचिपुड़ी, कथक, भरतनाट्यम और ओड़िसी जैसे भारतीय शास्त्रीय नृत्यों की अनवरत प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अद्भुत शास्त्रीय नृत्य मैराथन का निर्देशन सुप्रसिद्ध अभिनेत्री एवं कथक नृत्यांगना प्राची शाह ने किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र लोधी और सीएस (पर्यटन एवं संस्कृति) शिवशेखर शुक्ला भी उपस्थित रहे।

मध्य प्रदेश ने बनाया विश्व रिकॉर्ड

खजुराहो नृत्य महोत्सव को यादगार बनाने के लिए 139 कलाकारों ने लगातार 24 घंटे 9 मिनट और 26 सेकंड तक नृत्य किया। इस दौरान कुचिपुड़ी, कथक, भरतनाट्यम और ओड़िसी जैसे प्रतिष्ठित भारतीय शास्त्रीय नृत्यों की भव्य प्रस्तुति हुई।

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इस ऐतिहासिक नृत्य मैराथन का नेतृत्व प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना और अभिनेत्री प्राची शाह ने किया। उनके कुशल निर्देशन और मार्गदर्शन में 139 कलाकारों ने अपनी कला से खजुराहो महोत्सव को ऐतिहासिक बना दिया।

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प्राची शाह ने कहा, “भारतीय शास्त्रीय नृत्य केवल एक कला नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिकता से जुड़ा हुआ है। इतने बड़े मंच पर इस रिकॉर्ड का हिस्सा बनना गर्व की बात है।”

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दी बधाई

इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कलाकारों की प्रशंसा की और कहा, “यह आयोजन हमारी सांस्कृतिक विरासत का सबसे महत्वपूर्ण प्रतीक है। भारतीय शास्त्रीय नृत्य की इस अद्भुत प्रस्तुति ने दुनिया को हमारी परंपराओं की समृद्धि से परिचित कराया है।”

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वीडी शर्मा ने कहा-रिकॉर्ड से कलाप्रेमियों को उत्साह बढ़ेगा

राज्य मंत्री लोधी ने कहा, मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में संस्कृति को सहेजने और उसे विश्व पटल पर अंकित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इन्हीं प्रयासों के क्रम में यह 6वां गिनीज विश्व रिकॉर्ड बना है। राज्य मंत्री लोधी ने समारोह के उद्देश्य और आयोजन की रूपरेखा पर भी प्रकाश डाला।
स्थानीय सांसद वीडी शर्मा ने कहा, खजुराहो नृत्य समारोह का आयोजन बुंदेलखंड की धरती का गौरव है। आज बना गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड शासन के संस्कृति और कला को सहेजने के नवाचार और पहल का परिणाम है। इससे सभी कलाप्रेमियों का उत्साह बढ़ेगा।

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राज्य रूपंकर कला पुरस्कार 2024-25

समारोह के शुभारंभ पर गुरुवार को राज्य रूपंकर कला पुरस्कार प्रदान किए गए।

  • दत्तात्रय दामोदर देवलालीकर पुरस्कार-दिव्या पोरवाल ।
  • रघुनाथ कृष्णराव फड़के पुरस्कार-वीना सिंह।
  • नारायण श्रीधर बेन्द्रे पुरस्कार रश्मि कुरिल।
  • मुकुन्द सखाराम भाण्ड पुरस्कार- नीतेश पंचाल।
  • देवकृष्ण जटाशंकर जोशी पुरस्कार-उज्जवल ओझा।
  • जगदीश स्वामीनाथन पुरस्कार-प्रीति पोतदार जैन-
  • सैय्यद हैदर रजा पुरस्कार- मनीष सिंह।
  • लक्ष्मी सिंह राजपूत पुरस्कार- पल्लवी वर्मा ।
  • राममनोहर सिन्हा पुरस्कार- शुभमराज अहिरवार  और
  • विष्णु चिंचालकर पुरस्कार-लकी जायसवाल ।

आदिवर्त संग्रहालय में पांच सांस्कृतिक जनपदों की सौगात

‘आदिवर्त‘ जनजातीय लोककला एवं राज्य संग्रहालय में मध्यप्रदेश के पांच सांस्कृतिक जनपदों का लोकार्पण किया गया। सांस्कृतिक जनपदों में मालवा, निमाड़, चंबल, बुन्देलखण्ड और बघेलखण्ड के जीवन और संस्कृति को आकर्षक ढंग से अभिव्यक्त करते उनके घर, घरेलू वस्तुएं और लोक देवता को प्रदर्शित किया गया। खजुराहो आने वाले विदेशी और अन्य राज्यों के पर्यटकों को जनपदों के माध्यम से जनपदों की स्थानीय संस्कृति से परिचित कराया जाएगा।

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समारोह में पहली बार बाल नृत्य प्रस्तुतियां

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बाल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और नई पीढ़ी को नृत्य के प्रति प्रेरित करने के उद्देश्य से समारोह में पहली बार खजुराहो बाल नृत्य महोत्सव का आयोजन किया गया। इसका शुभारम्भ सुप्रसिद्ध अभिनेत्री और नृत्यांगना प्राची शाह, कलेक्टर छतरपुर पार्थ जैसवाल, पुलिस अधीक्षक छतरपुर अगम जैन, संचालक संस्कृति एनपी नामदेव और निदेशक उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी डॉ. धर्मेंद्र पारे ने किया।

इन कलाकारों ने दी प्रस्तुति

बाल प्रतिभाओं ने ऊर्जा से भरपूर नृत्य प्रस्तुतियां दी। इस गतिविधि के लिए परिसर में विशेष मंच बनाया गया था। पहली प्रस्तुति कुचिपुड़ी नृत्यांगना कुमारी निकिता अहिरवार की रही। उन्होंने कृष्ण शब्दम और कृष्ण तरंगम की मनमोहक प्रस्तुति से समा बंधा। इसके बाद नाविका माहेश्वरी की भरतनाट्यम की प्रस्तुति हुई। उन्होंने पुष्पांजलि, अष्टपदी और अर्धनारीश्वर की प्रस्तुति दी। अंतिम प्रस्तुति त्वरिता जैन की रही, उन्होंने कथक नृत्य में ताल बसंत नौ मात्रा और बसंत गीत की प्रस्तुति दी।

पहले दिन कथकली, मोहिनीअट्टम और ओडिसी नृत्य का सौंदर्य बिखरा

शुभारम्भ के बाद नृत्य प्रस्तुति से आस्था, कला, शिल्प की छाव तले नृत्य के माध्यम से संस्कृति के रंग खिल उठे। रंग-बिरंगे प्रकाश में नृत्य की विविध शैलियां जगमगा उठीं। पहली प्रस्तुति इंटरनेशनल सेंटर फॉर कथकली, दिल्ली के कलाकारों द्वारा कथकली नृत्य की प्रस्तुति दी गई। उन्होंने अपने कथकली नृत्य में श्री कृष्ण और अर्जुन के बीच के संवाद को कलात्मक रूप से प्रस्तुत किया। अगली प्रस्तुति मोहिनीअट्टम की रही। दक्षिण भारतीय सौंदर्य पूर्ण नृत्य बहुत ही आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया गया। पल्लवी कृष्णनन एवं साथी, केरल ने इसे प्रस्तुत किया। उन्होंने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत शिवा तत्वम से की, जो आदि शंकराचार्य के शिव पंचाक्षरा श्रोतम पर आधारित थी। इसमें भगवान शिव की वंदना दिखाई गई। इसके बाद महाराजा स्वाति तिरुनाल द्वारा कंपोज्ड हिंदी भजन पर आधारित प्रस्तुति हुई, जो यमुना कल्याणी राग और मिश्र चापू ताल में निबद्ध थी। इसमें भगवान श्रीकृष्ण की बांसुरी की धुन के माधुर्य के आकर्षण को व्यक्त किया गया।

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पहले दिन की अंतिम प्रस्तुति वर्णम की रही

अंतिम प्रस्तुति वर्णम थी। यह वर्णम चिंतविष्टया सीता कविता से लिया गया है, जिसके रचयिता कुमारन असन है। यह प्रस्तुति राग षण्मुखप्रिया और आदिताल में निबद्ध थी। पहले दिन की अंतिम प्रस्तुति ओडिसी की रही। युवा नृत्यांगना जोड़ी कल्याणी-वैदेही फगरे की रही। कला से समृद्ध वातावरण में पली-बढ़ी कल्याणी और वैदेही फगरे ओड़िसी नृत्य जगत में एक सशक्त जोड़ी के रूप में उभर रही हैं। पहली प्रस्तुति मंगलाचरण के बाद आदि शंकराचार्य रचित मीनाक्षी पंचरत्नम की प्रस्तुति हुई। राग बागेश्री में निबद्ध इस रचना की नृत्य संरचना गुरु बिंदु जुनेजा की और स्वर रचना विदुषी मीरा राव की थी। दूसरी प्रस्तुति ओडिया अभिनय संगिनी रे चाहा वेणु पाणि की थी। ओडिसा के प्रख्यात भक्त कवि बनमाली दास की रचना पर आधारित थी। तीसरी प्रस्तुति भगवान विष्णु और शिव के संयुक्त रूप हरि-हर की वन्दना की थी। अंतिम प्रस्तुति आदि शंकराचार्य कृत नर्मदाष्टकम् और तत्पश्चात शांति मंत्र थी, जिसकी स्वर रचना-विदुषी मीरा राव एवं अभय फगरे की रही।

भोपाल मैनिट प्रशासन का छात्रों को नोटिस: विरोध प्रदर्शन के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी, स्टूडेंट्स ने CM को लिखा लेटर

Bhopal Manit

Bhopal Manit: मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MANIT) भोपाल में 16 फरवरी को छात्रों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर माहौल अब भी गरमाया हुआ है। मैनिट प्रशासन ने छात्रों को नोटिस जारी किया है और विरोध प्रदर्शन के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। वहीं स्टूडेंट्स ने सीएम मोहन यादव को लेटर लिखा है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

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