भोपाल। बच्चों सहित बड़ों के प्रिय केजी चच्चा के नाम से ख्यात एवं प्रदेश के वरिष्ठ रंगकर्मी, नाट्य निर्देशक के.जी. त्रिवेदी का 07 दिसवंबर, 2022 की रात्रि निधन हो गया। अगस्त 1963 में भोपाल में जन्मे के.जी. त्रिवेदी संघर्षशील, मिलनसार, हंसमुख कलाकार और रंगनिर्देशक थे। वे अपने रुझान के अनुरुप जवाहर बाल भवन, भोपाल के नाट्य प्रभाग के अनुदेशक के पद पर कार्यरत थे। के.जी. त्रिवेदी ने वाणिज्य विषय पर स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की, लेकिन रंगकर्म के प्रति उनके लगाव ने उन्हें इस क्षेत्र से जोड़े रखा। मध्यप्रदेश शासन ने उन्हें रंगमंच के क्षेत्र में निर्देशन एवं अभिनय में अवदान के लिए राज्य शिखर सम्मान (नाटक) वर्ष 2020 से सादर विभूषित किया है। रंगकर्म की बहुआयामी विधाओं में पारंगत त्रिवेदी, एक विलक्षण रंगकर्मी होने के साथ ही इस प्रदर्शनकारी कला के समर्पित साधक और बच्चों के लिए रंगकर्म के शिक्षण-प्रशिक्षण से जुड़े देश के अग्रगण्य रंगकर्मी थे।
जवाहर बाल भवन के नाट्य प्रभाग में और रंगकर्म की सेवा करने के उद्देश्य से वर्ष 1988 में स्थापित त्रिकर्षि नाट्य संस्था के माध्यम से मुख्य रूप से बच्चों को लेकर त्रिवेदी ने अनेक नाट्य प्रस्तुतियां तथा जवाहर बाल भवन के बच्चों के साथ एक सौ पच्चीस से अधिक नाट्य प्रस्तुतियां चार हजार से अधिक बाल कलाकारों को लेकर की हैं। उनके प्रशिक्षित बच्चे राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय और फिल्म एण्ड टेलीविजन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में प्रवेश लेकर फिल्म, टीवी धारावाहिक और वेब सीरिज में संगीत, लेखन और अभिनय में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। त्रिवेदी रंगकर्म की सभी विधाओं में प्रशिक्षण देने के साथ एक कुशल अभिनेता भी रहे। उन्होंने ऑस्कर के लिए नामित फिल्म न्यूटन में अभिनय किया साथ ही उनके द्वारा निर्देशित दो नाटक इन्कलाब-जिन्दाबाद और दास्तान-ए-गैसकाण्ड को राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं। उनके आकस्मिक निधन पर संस्कृति विभाग की माननीय मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, प्रमुख सचिव, संस्कृति शिवशेखर शुक्ल, संचालक, संस्कृति अदिति कुमार त्रिपाठी, उप-संचालक, संस्कृति वंदना पाण्डेय एवं निदेशक, जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी डॉ. धर्मेंद्र पारे, संग्रहाध्यक्ष अशोक मिश्र ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए, उनकी आत्मा की शांति एवं दु:ख की इस घड़ी में परिवार को सम्बल प्रदान करने के लिये प्रार्थना की है।