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भोपाल। अगर आप भोपाल में बैठे-बैठे केरल की संस्कृति से रुबरु होना चाहते हैं तो आपको कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं है क्योंकि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के
बिठ्टन मार्केट ग्राउंड में 13 नवंबर से केरल फेस्ट शुरू हो गया है जो 16 नवंबर तक चलेगा। इस केरल उत्सव को दौरान वहां की नृत्य कला, मार्शल आर्ट और
व्यंजनों का आनंद स्थानीय लोग ले सकेंगे। यह फेस्ट United Malayali Association के अध्यक्ष ओडी जोसेफ द्वारा आयोजित किया गया है। बता दें,
कार्यक्रम के दूसरे दिन ही लोगों की भीड़ उमड़ती नज़र आई, साथ ही लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला।
केरल की खुशबू भोपाल में
फेस्ट में दाखिल होते ही आपको ऐसा लगेगा कि जैसे भोपाल नहीं, आप किसी केरल के पारंपरिक बाज़ार में पहुंच गए हो। फेस्ट की एंट्री पर ही हल्की-सी नारियल की खुशबू और बैकग्राउंड में चलती नैटिव केरला म्यूजिक की धुन एक अलग ही सुकून देती है। स्टॉल पर खड़े लोग वहां पहुंचे लोगों का मुस्कुरा कर स्वागत करते हैं। उनकी मुस्कान बताती है कि यह सिर्फ फेस्ट नहीं, बल्कि दिल से जुड़ा हुआ ‘घर-सा अहसास’ है। कई स्टॉल वाले बताते हैं कि वे सालों से अलग-अलग शहरों में ऐसे फेस्ट लगाते आए हैं, लेकिन भोपाल की भीड़ और अपनापन उन्हें हमेशा याद रहता है। एक स्टॉल संचालक ने खुश होकर कहा कि “यहां सबकुछ देसी है, किसी भी मसाले, जड़ी-बूटी और खाने की चीज़ में कोई मिलावट नहीं है"।
फूड लेन जहां हर कदम पर मिलता है असली साउथ का स्वाद
इस फेस्ट का सबसे बड़ा आकर्षण केरल का प्रामाणिक खान-पान है। खाने के शौकीनों के लिए उत्सव एक बेहतरीन अनुभव होगा। यहां हर स्टॉल पर मसालों की महक और तवे पर सिकती हुई डोसा की सरसराहट आपको खींच लेगी। मतलब अगर आप केरला स्टाइल डोसा, इडली और इडियप्पम खाना चाहते हैं तो आपको केरल जाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस केरल फेस्ट में आपको केरल की ऑथेंटिक डिश ट्राय करने को मिलेगी। यहां केरल की ऑथेंटिक डिश को केले के पत्तों में सर्व किया जाता है, और ज्यादातर डिश चावल का उपयोग करके बनाई जाती हैं।
ये व्यंजन लोगों की खास पसंद बने:
मसाला डोसा
मलाईदार इडियप्पम विद स्ट्यू
मसाले से भरी केरला बिरयानी
खट्टी-मीठी अवियल
ताजी पुट्टू और कडला करी
खास केरला फिल्टर कॉफी जो लोगों को लंबे समय तक महक के साथ याद रह जाती है
स्टॉल संभालने वाले विक्रेताओं ने बताया कि भोपाल में दक्षिण भारतीय भोजन का चलन तो पहले से है, लेकिन केरल की ऑथेंटिक रेसिपी पहली बार इतने व्यापक स्तर पर शहरवासियों के सामने रखी गई है।
सोने से बनी साड़ी बनी आकर्षण का केंद्र
फेस्ट में सजे कपड़ों के स्टॉल अपनी सादगी में ही आकर्षण समेटे हुए हैं। केरल की पारंपरिक कसावु साड़ी, सुनहरे बॉर्डर वाली सफेद साड़ियों की चमक आंखों को खींच लेती है। कांजीवरम और सिल्क की साड़ी तो भोपालियों की पहली पसंद बनी। आपको बता दें सोने का इस्तेमाल करके बनाई गई साड़ी जिसका रेट 50,000 है, भोपाल के लोग खूब पसंद कर रहे हैं। जब स्टॉल संचालक से सोने की बनी साड़ी के बारे में पूछा गया तो उन्होनें बताया कि, असली सोने का इस्तेमाल करके ये साड़ी बनाई जाती हैं, और दुल्हन को ये साड़ी विदाई के
वक्त उसके परिवार द्वारा गिफ्ट के तौर पर दी जाती है। बता दें, इसे 'रेखा साड़ी' भी कहा जाता है, और लोग खास मौके के लिए खास ऑर्डर देकर इस साड़ी को बनवाते हैं। और साथ
ही साड़ी पर असली सोने से अपना नाम भी लिखवाते हैं। वहीं पुरुषों के लिए उपलब्ध लुंगी और कुर्ता भी लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं। कुछ स्टॉल पर हाथ से बनी कोयर बैग, हैंडलूम शॉल, बेडशीट और आर्टवर्क टी-शर्ट्स भी उपलब्ध हैं, जिनसे पता चलता है कि केरल सिर्फ संस्कृति ही नहीं, बल्कि बेहतरीन कारीगरी की भूमि भी है।
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वहां मौजूद लोगों ने बंसल न्यूज़ से बातचीत के दौरान अपनी एक्साइटमेंट ज़ाहिर की। और बताया कि उन्होनें ऐसा फेस्ट पहली बार देखा है और साथ ही याद के तौर पर
कुछ खरीदारी भी की। लोकल भोपाली के अलावा मलयाली लोग भी पहुंचे और उन्होनें ने बताया कि कैसे केरल की संस्कृति को एमपी में कितनी बखूबी दिखाया गया है।
जड़ी-बूटी एम्पोरियम: आयुर्वेद का असली खजाना
फेस्ट का तीसरा प्रमुख आकर्षण है, जड़ी-बूटी और आयुर्वेदिक उत्पादों का एम्पोरियम। यहां के प्रदर्शक अपने साथ विभिन्न तरह की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी लेकर आए हैं जिससे
सालों पुराना कोई भी दर्द आसानी से छू-मंतर हो जाएगा। प्रदर्शक का ऐसा कहना है कि मात्र 7 दिन के भीतर किसी भी तरह की परेशानी से मरीज को समाधान मिल जाएगा।
उन्होनें बताया कि इसमें किसी भी तरह की मिलावट नहीं है, शुद्ध और प्राकृतिक दवाएं लोगों तक पहुंचाईं जा रही हैं। स्टॉल वालों से बातचीत में पता चलता है कि भोपाल के लोग प्राकृतिक उत्पादों को लेकर काफी जागरूक हैं, और यही वजह है कि इन उत्पादों की काफी मांग है।
सस्ते सोलर लालटेन की भी खूब डिमांड
इस फेस्ट में खाने पीने की चीज़ औऱ कपड़ों के साथ ही साथ कई और भी तरह की उपयोगी और मजेदार चीज़ देखने को मिली। अगर आपके घर में बिजली गुल हो जाती है और आपके
पास इंवर्टर लगाने का पैसा नहीं है तो मात्र 200 खर्च करके आप अपनी समस्या सुलझा सकते हैं। एक स्टॉल प्रबंधक ने अपने स्टॉल में मौजूद प्लास्टिक से बनी सोलर नाईट लैंप दिखाई जो धूप की रोशनी से चार्ज होती है और घर में मौजूद किसी भी चार्जर से आप इसे चार्ज कर सकते हैं। आपको बता दें इसकी बैटरी 6 घंटे से ज्य़ादा चलती है, जिससे आपको इसे बार-बार चार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
प्रबंधन ने बातचीत में बताया फेस्ट का उद्देश्य
फेस्ट के आयोजक से बात करने पर उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य केवल केरल की चीज़ें बेचना नहीं, बल्कि संस्कृति को अनुभव के रूप में पेश करना है। उन्होंने बताया कि
“हम चाहते हैं कि भोपाल के लोग केरल की कला, भोजन और जीवनशैली को महसूस करें, समझें और उससे जुड़ें।” और उन्होनें हर साल इस फेस्ट को आयोजित करने की बात कही।
भोपाल में लगा यह केरल फेस्ट सिर्फ एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि संस्कृति और समुदाय को जोड़ने का उत्सव है। यह लोगों को याद दिलाता है कि भारत की खूबसूरती उसकी विविधता में है, जहां एक ही देश में उत्तर से दक्षिण तक परंपराओं का अद्भुत मेल देखने को मिलता है। विविध प्रस्तुतियों और उमंगभरे माहौल के बीच केरल उत्सव 2025 का दूसरा दिन बड़ी संख्या में दर्शकों को आकर्षित करने में सफल रहा। आयोजक ने बताया कि, उत्सव 16 नवंबर तक जारी रहेगा, जिसमें कला, संस्कृति और केरल के पारंपरिक व्यंजनों का और भी समृद्ध अनुभव जनता को मिलेगा।


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