भोपाल। केरल पर Kerala elections 2021 एलडीएफ का अधिकार फिर Whose head will be crowned by Kerala, know astrologically से होगा या यूडीएफ को सत्ता का सुख मिलेगा। इस पर सभी के मन में विचारों का मथंन चल रहा है। ज्योतिषिाचार्य की माने तो एलडीएफ की कुंडली चर्तुथ भाव में बने योग जनता का समर्थन दिला सकते हैं तो वहीं इनकी कुंडली में बन रहा शत्रु हंता योग शत्रुओं को परास्त कर सकता है।ज्योतिषिाचार्य पंडित अनिल कुमार पाण्डेय के अनुसार उच्च का राहु राज्य से सहयोग दिला सकता है। सभी का सार माने तो एलडीएफ को सफलता हाथ लग सकती है।
सिंह लग्न की है कुंडली
यह कुंडली सिंह लग्न की है। चतुर्थ भाव में उच्च राशि में केतु हैं पंचम भाव में चंद्रमा हैं, छठे भाव में शनिदेव हैं। सप्तम भाव में गुरु हैं। नवम भाव में बुध, शुक्र और सूर्य विराजमान है। मौसम भाव में राहु है तथा एकादशी भाव में मंगल बैठे हुए हैं।
चतुर्थ भाव से पता चलेगा जनता का समर्थन
सत्ता में आने के लिए जनता का समर्थन बहुत आवश्यक होता है और जनता के समर्थन का आकलन चतुर्थ भाव से किया जाता है। एलडीएफ की कुंडली के चतुर्थ भाव में उच्च के केतु विराजमान है। चतुर्थ भाव में वृश्चिक राशि है जिसका स्वामी मंगल शत्रु भाव में मिथुन राशि विराजमान है। इसका अर्थ है जनता में एलडीएफ को लेकर कन्फ्यूजन रहेगा जिसके कारण जनता की वोट में थोड़ी कमी आएगी।
शत्रु हंता योग से शत्रु हो सकते हैं पराजित
इलेक्शन में शत्रुओं की के बारे में आकलन करना अत्यंत आवश्यक होता है। यह आकलन छठे भाव से किया जाता है। छठा भाव मकर राशि का है। जिसके स्वामी शनि देव मकर राशि में बैठे हुए हैं तथा इस पर मंगल की दृष्टि है। जिसके कारण शत्रु हंता योग बन रहा है। जिससे साफ जाहिर होता है कि एलडीएफ ने अपने शत्रुओं को परास्त कर दिया है।
साथ दे सकता है एलडीएफ का भाग्य
किसी भी जीत हार में भाग्य का बड़ा योगदान होता है। भाग्य को कुंडली में नवम भाव से देखा जाता है। नवम भाव का स्वामी मंगल है जो अपनी शत्रु राशि में बैठा हुआ है। अतः भाग्य को सामान्य बनाएगा। परंतु इस भाव में उच्च के सूर्य बैठे हुए हैं जिसके कारण एलडीएफ का भाग्य काफी अच्छा रहेगा।
उच्च का राहु दिला सकता है राज्य का सहयोग
आज के समय में इलेक्शन में राज्य का तथा राज्य के कर्मचारियों का बड़ा योगदान रहता है इस कुंडली के राज्य भाव में उच्च का राहु बैठा हुआ है जो कि एलडीएफ को बहुत सपोर्ट कर रहा है। इस प्रकार हम कह सकते हैं की कुंडली के अनुसार एलडीएफ शासन में पुनः आ रही है।
क्या कहती है विंशोत्तरी दशा
विंशोत्तरी दशा की तरफ की बात करें तो इस दशा को देखने के लिए ग्रहों का बल देखना आवश्यक है। इस कुंडली के अनुसार सबसे बली ग्रह शुक्र है। दूसरे नंबर पर सूर्य, तीसरे नंबर पर शनि, चौथे पर मंगल, पांचवें पर गुरु, छठे पर बुध और सातवें नंबर पर चंद्रमा है। 2 मई को मतगणना होनी है। उस समय केतु की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा में चंद्रमा के प्रत्यंतर में केतु की सूक्ष्म दशा होगी। केतु इस कुंडली में उच्च का है। अतः अच्छे फल देगा। शुक्र षड्बल साधना में पहले नंबर पर है। केवल एक चंद्रमा की प्रत्यंतर दशा खराब है। वह नुकसान कर सकता है। इस प्रकार विंशोत्तरी दशा के आधार पर भी एलडीएफ की जीत संभव है। परंतु यह जीत भी ज्यादा सीटों से होने की संभावना नहीं है।
क्या कहता है 2 मई का गोचर
सीटों की संख्या निश्चित करने के लिए आवश्यक है कि गोचर का अध्ययन भी किया जाए। कुंडली एवं विंशोत्तरी दशा के अनुसार एलडीएफ को स्पष्ट बहुमत दिखाई दे रहा है। गोचर में चंद्रमा 2 मई 2021 को 2:45 दिन से मकर राशि में प्रवेश कर रहा है। दूसरा महत्वपूर्ण ग्रह गुरु सप्तम भाव में है। यह बड़ा महत्वपूर्ण है और इसके कारण एलडीएफ को काफी लाभ मिलेगा। तीसरा महत्वपूर्ण है शनि छठे भाव में है एवं चौथा महत्वपूर्ण ग्रह सूर्य उच्च का होकर भाग्य में है। अतः 2 मई को करीब 3:00 बजे तक एलडीएफ की स्थिति बहुत अच्छी रहेगी। उसके उपरांत यूडीएफ की सीटें बढ़ेंगीं । 3:00 बजे तक करीब 50% सीटें घोषित हो जाती है। अतः इसमें LDF को करीब-करीब 60 सीटें मिल सकती हैं। उसके उपरांत बाकी 50% सीटों में से LDF को 30 सीटें मिलने की उम्मीद है। इस प्रकार LDF को केरल में 90 सीटें मिलने का अनुमान है।