Treasure Trove Act 1878 : अक्सर हमने देखा है कि सड़क पर पैदल जा रहे किसी भी शख्स को अगर रूपये पड़े मिलते है तो वो तुरंत उन पैसों को अपनी जेब में डाल लेता है। अधिक्तर कई लोग ऐसा ही करते है। लेकिन आपकी यह हरकत आपको जेल की हवा खिला सकती है। जी हां भारत के एक कानून में इसको लेकर सजा का प्रावधान है। इस कानून के तहत अगर आपको रोड़ पर 10 रूपये या उससे अधिक पैसे मिलते है, और आप उन पैसों को अपने पास रख लेते है तो आपको 1 साल की सजा हो सकती है।
दरअसल, ट्रेजर ट्रोव एक्ट 1878 के अनुसार, अगर आपको सड़क पर 10 रुपये से अधिक की राशि मिलती है तो उस राशि को आपको सरकार के पास जमा करानी होती है। और यदि ऐसा नहीं करते है तो आपको सजा सुनाई जा सकती है। जब भी आपको कही 10 रूपये या उससे अधिक पैसे मिलते है तो सबसे पहले आपको इसकी जानकारी सरकार को देनी होगी। आपको यह भी बताना होगा कि आपको कितनी राशि, कौन सी जगह पर और कब मिली हैं। इसके बाद आपको सरकारी खजाने में जाकर राजस्व अधिकारी को यह राशि जमा करनी होती है।
कलेक्टर जारी करता है नोटिफिकेशन
नियम के तहत अगर नजदीकी राहत कोष में किसी व्यक्ति ने राशि जमा की है तो वहां का मौजूदा कलेक्टर सेक्शन 4 के तहत एक नोटिफिकेशन जारी करेगा। जिसमें बताया जाता है कि अगर जमा किया गया खजाना किसी संबंधित व्यक्ति का है तो व उसे आकर ले जा सकता है। लेकिन एक बात का ध्यान रहे, समय अवधि नोटिफिकेशन के पब्लिश होने के 4 महीने पहले या 6 महीने के बाद नहीं होना चाहिए।
खोई चीज लेने नहीं गए तो क्या होता है?
खजाने के रूप में मिली चीज का अगर मालिक नहीं मिलता है तो क्या होगा। ट्रेजर ट्रोव नियम के तहत इसकी भी व्यवस्था की गई है। संबंधित खजाने का मालिक न मिलने की सूरत में जिस व्यक्ति को यह मिला वही इसका असली मालिक घोषित कर दिया जाता है। वहीं पाए गए 10 रुपये के नोट या खजाने के रूप में कोई भी चीज के मालिक एक से ज्यादा हैं और उसे खोजने वाले व्यक्ति को इससे आपत्ति है तो ऐसे केस में कलेक्टर के पास यह हक है कि वह उस खजाने को अपने पास रख मामले को सिविल कोर्ट में लेकर जा सकता है। जहां खजाने के असली मालिक पर अदालत फैसला सुनाएगी।