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Kedarnath Dham : केदारनाथ के पट बंद, अब यहां विराजेंगे महादेव

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Preeti Dwivedi
Kedarnath Dham : केदारनाथ के पट बंद, अब यहां विराजेंगे महादेव

देहरादून। The portals of Kedarnath Dham closed for the winter season: उत्तराखंड के उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में religion  स्थित विश्वप्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट बृहस्पतिवार को भैया दूज के पर्व पर श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के सूत्रों ने बताया कि सुबह 8:30 बजे ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ Kedarnath Dham के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विधिवत पूजा-अर्चना के बाद शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।

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सेना की 11 मराठा रेजीमेंट के बैंड की भक्तिमय स्वर लहरियों के बीच कपाट बंद होने के मौके पर मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, तीर्थ पुरोहित और रूद्रप्रयाग जिला प्रशासन के अलावा तीन हजार से अधिक श्रद्धालु भी मौजूद थे। इस दौरान, श्रद्धालुओं के ‘बम बम भोले’ और ‘जय केदार’ के उद्घोष से केदारनाथ धाम गुंजायमान रहा।

अब यहां कर पाएंगे दर्शन —
आपको बता दें केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने भगवान केदारनाथ जी ऊखीमठ में विराजमान होंगे। भक्तों द्वारा यहां जाकर बाबा केदारनाथ के दर्शन किए जा सकते हैं। सेना के पारंपरिक बैंड के साथ बाबा की डोली रवाना हो चुकी है। इससे पहले, बुधवार को केदारनाथ की पंचमुखी डोली को तैयार कर लिया गया था, उन्हें 29 अक्टूबर को ही डोली में शीतकाली प्रवास स्थल ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर ले जाया जाएगा.

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भू समाधि श्रृंगार के बाद हुए पट बंद —
मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि तड़के 3 बजे केदारनाथ मंदिर को खोले जाने के बाद 4 बजे से कपाट बंद करने की समाधि पूजन प्रक्रिया शुरू हुई। पुजारी टी गंगाधर लिंग ने भगवान केदारनाथ के स्वयंभू ज्योर्तिलिंग को शृंगार रूप से समाधि रूप देते हुए उसे बाघंबर, भृंगराज फूल, भस्म, स्थानीय शुष्क फूलों-पत्तों से ढक दिया। इसके बाद भैरव नाथ के आह्वान के साथ गर्भगृह और मुख्य द्वार को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया और भगवान शंकर की पंचमुखी डोली उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर की तरफ रवाना हो गई। शीतकाल के दौरान भगवान केदारनाथ की पूजा ओंकारेश्वर मंदिर में ही होगी।

सीएम ने जताया आभार —
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीर्थयात्रियों का आभार जताया और कहा कि इस बार चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में नयी केदारपुरी अस्तित्व में आ चुकी है। जहां तीर्थयात्रियों को हर संभव सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं। धामी ने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री ने गौरीकुंड-केदारनाथ रोपवे का शिलान्यास किया है और इसके बनने से केदारनाथ यात्रा और सुगम हो जाएगी। इससे पहले, गढ़वाल हिमालय के चारधाम के नाम से प्रसिद्ध मंदिरों में से एक गंगोत्री धाम के कपाट बुधवार को अन्नकूट पर्व पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए थे। यमुनोत्री के कपाट भी बृहस्पतिवार को बंद कर दिए जाएंगे, जबकि बदरीनाथ के कपाट 19 नवंबर को बंद होंगे।

अप्रैल मई में खुलेंगे फिर से पट —
सर्दियों में बर्फबारी और भीषण ठंड की चपेट में रहने के कारण चारधाम के कपाट हर साल अक्टूबर-नवंबर में श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं। इसके बाद और अगले साल अप्रैल-मई में फिर से खोले जाते हैं। गढ़वाल क्षेत्र की आर्थिक रीढ़ मानी जाने वाली चारधाम यात्रा के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। इस वर्ष छह माह के यात्रा मौसम में 43 लाख से अधिक तीर्थयात्री चारधाम के दर्शन के लिए पहुंचे। केदारनाथ में 15,61,882 श्रद्धालुओं ने बाबा के दर पर माथा टेका।

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