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'Kathak Ashvamedh-2023': भारत सरकार के सांस्कृतिक कार्य मंत्रालय, निर्झर कला संस्थान, गुरु कुन्दनलाल गंगानी फाउंडेशन और गुरु साधना फाउंडेशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कथक नृत्य प्रतिस्पर्द्धा 'कथक अश्वमेध-2023' का आयोजन किया गया है। इस प्रतिस्पर्धा का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को प्राचीन कलाओं और संस्कृति की ओर आकर्षित करना तथा उन्हें आजीविका के साधन के रूप में कथक नृत्य को समृद्ध करने के लिए प्रेरित करना है।
जानिए कथक गुरू ने क्या कहा
कथक गुरु डॉ. साधना नाफड़े और पंडित कुन्दनलाल गंगानी की स्मृति में आयोजित इस प्रतिस्पर्धा का प्रारंभिक राउंड लगभग चालीस शहरों में आयोजित किया गया है। अक्टूबर एवं नवम्बर माह में प्रत्येक शनिवार/रविवार को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार यह प्रतिस्पर्धा देश के लगभग सभी प्रमुख शहरों के कथक नृत्य कलाकारों को दिल्ली आकर अपना कौशल दिखाने का एक शानदार अवसर प्रदान करेगी। इसके लिए वेबसाइट www.nirzar.org पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है।
कैसी होगी प्रतिस्पर्धा
'कथक अश्वमेध-2023' का प्रीलिमनरी राउंड में प्रतियोगिता को दो समूहों में विभाजित किया गया है, पहला समूह 12 से 25 आयु वर्ग के छात्रों के लिए होगा और दूसरा समूह 26 से 40 आयु वर्ग के लिए होगा। पहले राउंड से लगभग 140 प्रतिस्पर्धायों का चयन किया जाएगा। इंदौर में पहिला राउंड दिनांक ४-५ नवम्बर को दादा साहब मोघे सभागृह बालनिकेतन संघ, ६२ पग्निस पागा, मेन स्कूल बिल्डिंग के सामने, इंदौर, मध्यप्रदेश यहाँ संपन्न होगा |
जाने क्या होगा ग्रैंड फिनाले
सभी शहरों से सर्वश्रेष्ठ सात नर्तकों (दोनों समूहों से) को ग्रैंड फिनाले के लिए चुना जाएगा। इन सात सर्वश्रेष्ठ कलाकारों को देश की राजधानी में एक शानदार कार्यक्रम में अपनी कला पेश करने का मौका मिलेगा. दोनों ग्रुपों में सर्वश्रेष्ठ तीन विजेताओं का चयन किया जाएगा और विजेताओं को शानदार पुरस्कार दिये जायेंगे। आयोजकों ने कथक सीख रहे विद्यार्थियों और कथक नर्तकों से अपील की है कि वे इस प्रतियोगिता में भाग लेकर इस अवसर का लाभ उठायें।
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