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कश्मीरी पंडितों की घर वापसी: नई पॉलिसी के तहत 4600 परिवारों की लिस्ट तैयार, 3 महीने में 175 परिवार लौटेंगे घाटी!

Return Of Kashmiri Pandits In Kashmir: जम्मू-कश्मीर में सरकार बनने के बाद कश्मीरी पंडितों की घर वापसी की नई पॉलिसी तैयार की जा रही है।

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Ujjwal Rai
kashmiri pandit

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Return Of Kashmiri Pandits In Kashmir: जम्मू-कश्मीर में सरकार बनने के बाद कश्मीरी पंडितों की घर वापसी की नई पॉलिसी (Return Of Kashmiri Pandits In Kashmir) तैयार की जा रही है। इसके लिए 4 हजार 600 परिवारों की लिस्ट तैयार की गई है। इसके तहत पहले चरण में कुछ परिवारों की अगले तीन महीने में वापसी सुनिश्चित कराने की कोशिश की जा रही है। इस अभियान को केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकार मिलकर चलाएंगे।

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पहले घाटी लौटेंगे 175 परिवार

बताया जा रहा है कि पहले चरण में 175 परिवार (Return Of Kashmiri Pandits In Kashmir) वापस लौटेंगे। गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, कश्मीरी पंडितों की वापसी की प्रक्रिया को लेकर इस बार जो ब्लू प्रिंट तैयार किया गया है, उसे व्यवहारिक रखने की कोशिश की गई है।

पूर्ण वापसी का प्रयोग सफल नहीं रहा!

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बता दें कि पहले कश्मीरी पंडितों (Return Of Kashmiri Pandits In Kashmir) की पूर्ण वापसी को लेकर प्लान किया जा रहा था। इसके तहत परिवार जो विस्थापित होकर बाहर चले गए हैं, वे अपने परिवार और सामान सहित कश्मीर में अपने मूल स्थान पर लौट सकते हैं।

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इस दौरान उन्हें कश्मीर (Return Of Kashmiri Pandits In Kashmir) में बसने के लिए हर तरह की मदद जैसे आर्थिक मदद, नौकरी, सुरक्षा और बाकी सुविधा भी देने की बात कही गई थी। लेकिन, पूर्ण वापसी का यह प्रयोग अधिक सफल नहीं हो सका।

गृह मंत्रालय के मुताबिक, इस बार कश्मीरी पंडितों (Return Of Kashmiri Pandits In Kashmir) की पूरी तरह से घर वापसी को शिथिल किया गया है। उन्हें विस्थापितों की जगह प्रवासी की श्रेणी में रखा गया है। यानी कि ऐसे विस्थापित जो काम या शिक्षा के लिए बाहर गए हैं।

पैतृक घर का मालिकाना हक मिलेगा

[caption id="attachment_694882" align="alignnone" width="642"]kashmiri pandit साल 1880 का फोटो[/caption]

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इस योजना के जरिए जो कश्मीरी पंडित (Return Of Kashmiri Pandits In Kashmir), विस्थापित वापसी चाहते हैं, उन्हें कई तरह की सुविधाएं दी जाएंगी। उन्हें पैतृक घर का मालिकाना हक, घर की जरूरी मरम्मत के लिए 100 फीसदी आर्थिक मदद, बिजली-पानी मीटर में मूल निवासी का नाम-पता, जमीन-जायदाद की डिजिटल मैपिंग और प्रमाण पत्र सौंपा जाएगा।

इस दौरान जो कश्मीरी पंडित अभी कहीं और काम कर रहे हैं, वे वहीं रह सकते हैं, लेकिन छुटि्टयों या त्योहार पर रिश्तेदारों-मित्रों के घर पर किसी आयोजन में ठीक उसी तरह शामिल हों, जैसे अन्य राज्यों के प्रवासी करते हैं।

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