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Vande Bharat Train : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑपरेशन सिंदूर के बाद 6 जून को पहली बार जम्मू-कश्मीर का दौरा करेंगे। इस दौरान वे दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चिनाब ब्रिज पर वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर इसका उद्घाटन करेंगे।
जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार की 11 वर्षों की उपलब्धियों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) एक व्यापक जनसंपर्क अभियान शुरू करने जा रही है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 6 जून को माता वैष्णो देवी के आधार शिविर कटरा दौरे को पार्टी बेहद अहम मान रही है।
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भाजपा जुटी कटरा जनसभा को सफल बनाने में
पीएम मोदी की प्रस्तावित कटरा रैली को सफल बनाने के लिए भाजपा ने कमर कस ली है। सांसद जुगल किशोर शर्मा, उधमपुर और रियासी जिलों के छह विधायक मिलकर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ रैली की तैयारियों में जुट गए हैं। सूत्रों के अनुसार, सांसद और विधायक मिलकर समन्वय के जरिए इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाएंगे।
भाजपा का उद्देश्य केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि यह भी है कि विकास योजनाओं की गति और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसी सफल सैन्य कार्रवाई में लगे सशस्त्र बलों का मनोबल बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री का संदेश पूरे क्षेत्र में गूंजे। इसी उद्देश्य से जुगल किशोर शर्मा मंगलवार को कटरा और रियासी का दौरा कर तैयारियों की समीक्षा करेंगे।
22 साल में बनकर हुआ तैयार
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यह ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना (USBRL) का हिस्सा है, जो 272 किलोमीटर लंबी है। चिनाब ब्रिज को तैयार होने में कुल 22 साल लगे हैं। यह न सिर्फ इंजीनियरिंग की एक अद्भुत मिसाल है, बल्कि सामरिक दृष्टि से भी बेहद अहम है।
वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत
फिलहाल इस रूट पर ठंड के मौसम के लिए विशेष डिज़ाइन की गई दो वंदे भारत ट्रेनें शुरू की जाएंगी। दोनों ही ट्रेनों में 8-8 कोच होंगे। एक ट्रेन कटरा से श्रीनगर और दूसरी श्रीनगर से कटरा तक चलेगी। हालांकि, यह सेवा अभी बारामुला तक नहीं बढ़ाई गई है, लेकिन संगलदान से बारामुला तक पहले से मौजूद रेल सेवा ऐसे ही जारी रहेगी।
सीधी सेवा नहीं, अभी दो ट्रेन बदलनी होंगी
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रेल मंत्रालय के अनुसार चिनाब ब्रिज से शुरू हो रही सेवा के बावजूद यात्रियों को अभी दिल्ली या अन्य शहरों से सीधे श्रीनगर या बारामुला तक पहुंचने के लिए ट्रेन नहीं मिलेगी। यात्रियों को पहले दिल्ली से कटरा तक ट्रेन पकड़नी होगी और फिर कटरा से संगलदान होते हुए श्रीनगर तक दूसरी ट्रेन लेनी होगी।
फिलहाल दिन में ही चलेगी ट्रेन
सुरक्षा कारणों से चिनाब ब्रिज पर ट्रेन सेवा शुरू में केवल दिन में ही चलेगी। भविष्य में जब हालात पूरी तरह सामान्य होंगे और संचालन स्थिर हो जाएगा, तब रात्रिकालीन सेवा भी शुरू की जाएगी।
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दुनिया का सबसे ऊंचा ब्रिज[/caption]
बारामुला अभी भी अंतिम स्टेशन
संगलदान के आगे प्रमुख रेलवे स्टेशनों में बनिहाल, बड़गाम, श्रीनगर आते हैं, और बारामुला इस रूट का अंतिम स्टेश
दुनिया के सबसे ऊंचे ब्रिज का उद्घाटन
पीएम मोदी 6 जून को ही चिनाब नदी पर बने विश्व के सबसे ऊंचे आर्च रेलवे ब्रिज – चिनाब ब्रिज – का भी उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही 63 किलोमीटर लंबे कटरा-संगलदान सेक्शन पर ट्रेन सेवा की शुरुआत होगी, जिससे कश्मीर से कन्याकुमारी तक की सीधी रेल कनेक्टिविटी का सपना साकार हो जाएगा।
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चिनाब ब्रिज[/caption]
अब तक की स्थिति
अभी तक देश के विभिन्न हिस्सों से जम्मू-कश्मीर जाने वाली ट्रेनें केवल कटरा तक ही जाती थीं। संगलदान से श्रीनगर और बारामुला तक रेल सेवा पहले से चालू थी, लेकिन कटरा से संगलदान के बीच का 63 किमी हिस्सा बिना ट्रेन सेवा के था। अब चिनाब ब्रिज और भारत के पहले केबल ब्रिज – अंजि ब्रिज – के बनने के बाद यह खाली हिस्सा भी रेल नेटवर्क में जुड़ जाएगा।
सुरक्षा के विशेष इंतजाम
चिनाब ब्रिज की सुरक्षा को लेकर सरकार ने 24x7 जवानों की तैनाती का निर्णय लिया है। ब्रिज की रणनीतिक महत्ता को देखते हुए यह एक बड़ा कदम है।
सीधे बारामुला नहीं, कटरा पर करना होगा ट्रेन बदलना
रेल मंत्रालय के अनुसार, फिलहाल यह नया सेक्शन भले ही भारत के बाकी हिस्सों से जुड़ जाएगा, लेकिन अभी दिल्ली या अन्य शहरों से सीधी श्रीनगर या बारामुला जाने वाली ट्रेन सेवा उपलब्ध नहीं होगी। यात्रियों को दिल्ली से कटरा तक एक ट्रेन, और फिर कटरा से श्रीनगर तक दूसरी ट्रेन लेनी होगी।
ट्रेन सेवा फिलहाल केवल दिन में
सुरक्षा कारणों के चलते चिनाब ब्रिज पर फिलहाल केवल दिन में ट्रेन सेवाएं संचालित की जाएंगी। जब स्थिति स्थिर हो जाएगी और संचालन अनुभवसिद्ध हो जाएगा, तब रात की सेवाएं भी शुरू की जाएंगी।
बारामुला अभी भी अंतिम रेलवे स्टेशन
संगलदान के बाद इस रेल मार्ग पर प्रमुख स्टेशन बनिहाल, बड़गाम, श्रीनगर और बारामुला हैं, जहां बारामुला अंतिम स्टेशन है।
यह ऐतिहासिक रेल परियोजना न केवल जम्मू-कश्मीर को भारत से जोड़ती है, बल्कि यह राष्ट्रीय एकता, सुरक्षा और विकास का प्रतीक बन चुकी है।
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