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karwa Chauth 2024: क्या करवा चौथ पर पुरानी छलनी कर सकते हैं उपयोग, बालियों से क्यों होती है चाँद की पूजा

Karwa Chauth 2024: करवा चौथ व्रत की पूजा में पुरानी छलनी उपयोग कर सकते हैं या नहीं, बालियों की पूजा क्यों ​की जाती है जानते हैं।

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Preeti Dwivedi
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karwa Chauth 2024: करवा चौथ को दो दिन बचे हैं। इस दिन सजने संवरने और व्रत (Vrat) के लिए महिलाओं ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। व्रत के लिए पूजा सामान की खरीदारी होने लगी है।

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चांद के दर्शन के लिए महिलाएं छलनी खरीदती हैं। ऐसे में यदि आपके मन में भी ये सवाल चल रहा है, कि क्या करवा चौथ पर पुरानी छलनी उपयोग (Karwa Chauth par Purani Chalni ka Upyog) की जा सकती है या नहीं, क्या नई छलनी खरीदना जरूरी होता है, चलिए जानते हैं इसे लेकर ज्योतिष (Jyotish) क्या कहते हैं।

करवा चौथ पर चांद निकलने का मुहूर्त

करवा चौथ पर चांद निकलने के समय में स्थान के अनुसार समय में परिवर्तन हो जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार करवा चौथ पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त शाम 6 से 9 बजे तक का है। तो वहीं चंद्रोदय का समय रात 8:30 बजे का है, लेकिन पूर्ण रूप से चांद को लालामी लेने में समय लग जाता है।

पूजा में क्यों उपयोग होती हैं बालियों

करवा चौथ की पूजा सामग्री में बालियों को भी शामिल की जाती हैं। पर क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे कारण क्या है। यदि नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं कि इसे लेकर ज्योतिष क्या कहते हैं।

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ऐसी मान्यता है कि जिस तरह ये बालियाँ समृद्धि, सफलता और धन धान्य का प्रतीक है। उसी तरह इन बालों के प्रतीक के रूप में पति—पत्नी का दांपत्य जीवन में समृद्ध हो और दांपत्य जीवन में खुशियां आएं।

करवा चौथ 2024 डेट और मुहूर्त

करवा चौथ व्रत 2024: 20 अक्टूबर

करवा चौथ पर चंद्रोदय का मुहूर्त:  रात 20:07

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[caption id="attachment_682605" align="alignnone" width="750"]Karwa Chauth Vrat Niyam Karwa Chauth Vrat Niyam[/caption]

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करवा चौथ पूजा विधि

अगर आप भी करवा चौथ का व्रत (Karwa Chauth 2024 Vrat Puja Vidhi) करने वाली हैं तो चलिए ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल पांडे से जानते हैं कि करवा चौथ व्रत की सही विधि क्या है।

करवा चौथ के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहने। इसके बाद व्रत का संकल्प लेकर दिन की शुरुआत करें।

सभी बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद लें।

इसके बाद शाम की पूजा की तैयारी सुबह से ही करते चलें।

पूजा के लिए करवा को सजा लें।

यदि आपके पास पीतल या तांबे का करवा हैं, तो इसे घर पर हल्दी, चंदन और रंगीन चावल से कैसे सजाएं।

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इसके बाद पूजा की थाली की तैयारी कर लें।

आपके रीति रिवाज के अनुसार पूजा में बनाए जाने वाले पकवानों को तैयार कर लें।

आप अपने रिवाजों के आधार पर अन्य दान के सामानों को भी रख सकते हैं।

शाम को पूजा के शुभ मुहूर्त मां करवा का पूजन कर कथा सुनें।

इसके बाद चंद्रोदय के समय चांद निकलने पर चंद्रमा को अर्घ्य दें।

अब छलनी की सतह पर जलता हुआ दीया रखें और चंद्र दर्शन करें।

बाद में इसी छन्नी से पति का मुख देखें।

फिर पति के हाथों से पानी पीकर व्रत का पारण करें। इस दौरान सभी बड़ो का आशीर्वाद जरूर लें।

आप करवा को सास या किसी सुहागिन स्त्री को दे दें और उनके पैर छू लें।

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आपके शहर में कब दिखेगा चांद

शहर                    सूर्योदय                चंद्रोदय

मुंबई                      6:35                     20:36

कलकत्ता                5:36                    19:23

दिल्ली                   6:26                     19:53

मद्रास                   6:01                      20:19

अहमदाबाद           6:39                     20:26

कटक                   5:56                     19:33

कानपुर                 6:09                     19:56

कोटा                    6:27                     20:14

बिलासपुर              6:01                     19:48

बस्तर                    6:04                     19:51

कुरुक्षेत्र                 6:25                     20:12

गया                     6:30                     20:17

उज्जैन                  6:27                    20:14

भोपाल                 6:27                    20:07

इंदौर                   6:27                    20:14

सागर                   6:15                   20:00

रीवा                     6:05                   19:52

छिंदवाड़ा              6:14                  20:01

ग्वालियर               6:17                  20:04

जबलपुर               6:10                  19:57

कटनी                  6:08                  19:55

खंडवा                  6:24                  20:11

बालाघाट              6:09                  19:56

बैतूल                   6:18                  20:05

मंडला                 6:08                  19:55

मैहर                    6:07                  19:54

होशंगाबाद           6:13                   20:00

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करवा चौथ में पुरानी छलनी कर सकते हैं उपयोग

ज्योतिषचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार पूजा में उपयोग होने वाली कोई भी चीज शुद्ध होना चाहिए।

ऐसे में यदि आप भी पूजा के लिए नई छलनी नहीं खरीदना चाहते हैं तो ऐसे में आप बिना उपयोग की हुई पुरानी छलनी को अच्छे से धोकर उसे चंदन से पूजा करके उपयोग किया जा सकता है।

हर साल छलनी खरीदने से वे इकट्ठी हो जाती है। उनका ज्यादा उपयोग नहीं हो पाता तो ऐसे में पुरानी छलनी को शुद्ध करके उपयोग किया जा सकता है।

करवा चौथ पर चांद निकलने का मुहूर्त

करवा चौथ पर चांद निकलने के समय में स्थान के अनुसार समय में परिवर्तन हो जाता है।

ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार करवा चौथ पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त शाम 6 से 9 बजे तक का है।

तो वहीं चंद्रोदय का समय रात 8:30 बजे का है, लेकिन पूर्ण रूप से चांद को लालामी लेने में समय लग जाता है।

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