Karwa Chauth 2024 Date Muhurat Kath: अक्टूबर का महीना त्योहारों की झड़ी लेकर आएगा। इस महीने शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri 2024) से त्योहारों की शुरुआत होगी। महिलाओं का सबसे खास व्रत करवा चौथ (Karwa Chauth in Hindi) भी इसी महीने आएगा।
अगर आप भी करवा चौथ का व्रत (Karwa Chauth Vrat) रखती हैं तो आप करवा चौथ की तिथि को लेकर कंफ्यूज हैं, तो चलिए हम आपको बताते हैं कि हिन्दू पंचांग के अनुसार करवा चौथ अक्टूबर में कब आ रहा है। साथ ही जानेंगे कि इस दिन चंद्रोदय का समय क्या है।
अक्टूबर में करवा चौथ कब है (Kawa Chauth kab Hai)
हिन्दू पंचांग के अनुसार करवा चौथ का व्रत इस बार 20 अक्टूबर रविवार को आ रहा है। ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार करवा चौथ का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चौथ तिथि को आता है। इस साल ये व्रत 20 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस दिन सुबह 10:33 मिनट पर चौथ तिथि आ जाएगी। चूंकि करवा चौथ रात्रिकालीन व्रत है। यानी ये व्रत चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद किया जाता है। इसलिए ये व्रत 20 अक्टूबर को ही रखा जाएगा।
करवा चौथ व्रत का महत्व (Karwa Chauth ka Mahatva)
करवा चौथ का व्रत महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखेंगी। साथ ही कुंवारी कन्याएं भी अच्छे पति की कामना के लिए ये व्रत रखने लगी हैं।
करवा चौथ 2024 तिथि (Kawav Chauth Date)
करवा चौथ तिथि प्रारंभ:
20 अक्टूबर रविवार सुबह 10:34 से शुरू
करवा चौथ तिथि समाप्ति
21 अक्टूबर रविवार सुबह 08:37 तक
20 अक्टूबर को चंद्रोदय का समय (Karwah Chauth par Chand Nikalne ka Sahi Time)
शाम 7:39 पर चंद्रोदय पर
करवा चौथ व्रत कथा (Karwa Chauth Vrat katha in Hindi)
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक करवा नाम की स्त्री थी, जो अपने पति के साथ रहती थी। एक दिन करवा का पति नदी में स्नान कर रहा था। नहाते समय नदी में मगरमच्छ आ गया और उसने करवा के पति का पैर पकड़ लिया। मदद के लिए उसने अपनी पत्नी को आवाज दी। पति की आवाज सुन करवा भागकर नदी किनारे पहुंची।
उसने देखा कि मगरमच्छ अपने दांतों में उसके पति का पैर दबाकर यमलोक की तरफ जा रहा था। तभी धागे की मदद से करवा ने मगरमच्छ को बांधा और यमराज से अपने पति की रक्षा के लिए गुहार लगाई।
करवा ने यमराज से अपने पति को वापस करने का आग्रह किया। इसी के साथ उसने मगरमच्छ को दंड देने के लिए कहा। तब यमराज ने कहा, ‘मगर की आयु शेष है। मैं अभी उसे यमलोक नहीं भेज सकता हूं।’
इस पर करवा ने कहा, ‘यदि आपने मेरे पति की जान बचाने के लिए मेरी सहायता नहीं की, तो मैं आपको श्राप दें दूंगी।’
करवा का साहस देख यमराज डर गए। फिर उन्होंने करवा के पति को दीर्घायु का वरदान दिया और मगरमच्छ को यमपुरी भेज दिया।
इसी के साथ उन्होंन करवा से कहा, ‘जो स्त्री कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी करवा चौथ के दिन व्रत करके करवा की कथा को सुनेगी या पढ़ेगी, उसके पति की रक्षा मैं खुद करूंगा।’
इसी वजह से हर साल सुहागिन महिलाएं कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन करवा चौथ का व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं।
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