नई दिल्ली। पति की लंबी Karwa Chauth 2021 की उम्र के लिए सुहागनों द्वारा किया जाने वाला यह व्रत इस वर्ष 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। पंडित रामगोविन्द शास्त्री के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी यानि रविवार के दिन रोहिणी नक्षत्र में पड़ने के कारण यह व्रत इस बार खास होने वाला है। निर्जला रखे जाने वाले इस व्रत के कुछ नियम भी हैं। जिन्हें ध्यान में रखा जाना बेहद आवश्यकत है। आइए जानते हैं क्या हैं वे नियम।
इन नियमों को रखें ध्यान में —
1— इस दिन सूर्योदय के बाद सोना वर्जित माना गया है। क्योंकि व्रत की शुरुआत ही सूर्योदय से हो जाती है।
2 — चूंकि लाल रंगा प्यार और स्नेह का प्रतीक है। देवी जी के पूजन में भी इसी का रंग का उपयोग किया जाता है। अत: इस दिन भूरे—काले आदि रंगों का उपयोग न करके लाल रंग के कपड़ों का उपयोग करें।
3— इस दिन महिलाओं को स्वयं तो उठना चाहिए। लेकिन घर के अन्य सदस्य को सोने से नहीं उठाना चाहिए। धर्म शास्त्र में इसे अशुभ माना गया है।
4 — इस दिन के व्रत की शुरुआत सास की दी हुई सरगी से करनी चाहिए। व्रत शुरू होने से सरगी का भोजन करें। भगवान की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें।
5 — इस दिन महिलाओं का वाणी पर संयम रखना चाहिए। किसी का अपमान करने से बचें।
6 — करवा चौथ पर महिलाओं को पति से झगड़ा नहीं करना चाहिए।ऐसा करने पर व्रत का फल नहीं मिलता।
7 — करवाचौथ के दिन सफेद चीजें जैसे सफेद कपड़े, दूध, चावल, दही और सफेद मिठाई का दान करने से बचें।
8 — आज के दिन नुकीली चीजों के इस्तेमाल से बचना चाहिए। इस दिन सुई—धागे का काम नहीं करना चाहिएं।
करवा चौथ व्रत मुहूर्त :
चतुर्थी तिथि की शुरुआत –
24 अक्टूबर रविवार को प्रात: 03:01 मिनट पर
चतुर्थी तिथि समाप्त —
25 अक्टूबर 2021 को प्रात: 05:43 मिनट पर
पूजा मुहूर्त —
24 अक्टूबर को शाम 05:43 मिनट से 06:59 मिनट तक रहेगा
चंद्रोदय का समय —
24 अक्टूबर को शाम 7:51 मिनट पर चंद्रोदय बताया जा रहा है।
करवा चौथ की पूजा सामग्री —
करवा चौथ की पूजा करने के लिए दीपक, कपास की बाती, तेल का दीपक, घेरा, फूल, मिठाई, रोली, अगरबत्ती, एक मिट्टी का बर्तन, रोल, धूप, सिंदूर, चंदन, हल्दी, शहद, चीनी, दूध, पानी, दही, घी और कपूर की आवश्यकता होती है।