Kartik Purnima 2023: कार्तिक माह भगवान कृष्ण के लिए खास होता है। ऐसे में इस माह की पूर्णिमा साल की सभी पूर्णिमाओं में बेहद खास मानी जाती है। चलिए जानते हैं कि हिन्दु पंचांग के अनुसार इस साल कार्तिक माह की पूर्णिमा कब आएगी। साथ ही इस दिन का क्या महत्व है।
कार्तिक पूर्णिमा तिथि:
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा की तिथि का प्रारंभ 26 नवंबर रविवार को दोपहर 3:53 बजे से हो चुकी है। जो आज 27 नवंबर शुक्रवार को दोपहर 2:45 बजे तक रहेगी। चूंकि उदया तिथि में आज यानि 27 नवंबर को पूर्णिमा तिथि आने के चलते आज ही पूर्णिमा तिथि मनाई जाएगी।
कार्तिक पूर्णिमा पर सत्यनारायण कथा का महत्व
हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा भगवान विष्णु के लिए खास होती है। इस दिन सत्यनारायण की कथा करने या सुनने से बेहर शुभदायी फल मिलता है।
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
1- हुआ था मतस्य अवतार
हिन्दु पुराणों के अनुसार के कार्तिक पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु के लिए खास माना जाता है। इसी दिन भगवान विष्णु ने पृथ्वी को जल प्रलय से बचाने के लिए मतस्य अवतार लिया था।
2- कार्तिक पूर्णिमा पर त्रिपुरासुर राक्षस का वध
दूसरी कथा के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान शिव ने भी त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था। इसलिए इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। यदि आप किसी पवित्र नदी पर स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो इस दिन नहाने के पानी में पवित्र जल मिलाकर स्नान किया जा सकता है।
कार्तिक पूर्णिमा के नियम, उपाय
वैसे तो हर महीने की पूर्णिमा और अमावस्या पर दान देने की परंपरा होती है। पर कार्तिक पूर्णिमा के दिन किसी भी गरीब या जरूरतमंद को खाली हाथ न जानें दें।
इस दिन भूलकर भी बड़ों का अपमान न करें।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी में स्नान करें। यदि संभव न हो तो पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान किया जा सकता है।
कार्तिक पूर्णिमा पर ब्रह्मचर्य का पालन करें।
इस दिन कोशिश करें कि लहसुन, प्याज, मांस, शराब आदि का सेवन भूलकर भी न सेवन नहीं करें।
प्रयागराज में 3 लाख दीपों से जगमगाएंगे घाट
आज 27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा यानि देव दीपावली पर 3 लाख दीपों से संगम व गंगा-यमुना के घाट जगमगाएंगे। आपको बता दें भगवान विष्णु के धाम प्रयागराज में देव दीपावली भव्य रूप में मनाई जाती है। देव दीपावली के साथ ही तट पर लगने वाला एक महीने के कार्तिक मेले का समापन भी हो जाता है।
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