भोपाल। एमपी के कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ट्वीट के जरिए सीएम शिवराज सिंह चौहान पर तंज कसा है। कमलनाथ ट्वीट कर कहा कि अपनी झूठी घोषणाओं के लिए मशहूर शिवराज जी अब आगामी चुनावो को देखते हुए एक बार फिर नई झूठी घोषणाओं में लग गए हैं ,जबकि उनकी पूर्व की घोषणाओं का हश्र सबको पता है।
“सिंगल क्लिक” का मतलब भी बदल दिया है
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा शिवराज जी ने तो अपनी घोषणा से “सिंगल क्लिक” का मतलब भी बदल दिया है उन्होंने 12 फरवरी को दावा किया था कि प्रदेश के उन 49 लाख 85 हज़ार किसानों के खाते में फसल बीमा की 7618 करोड़ की राशि उन्होंने सिंगल क्लिक के माध्यम से उनके बैंक खातो में जमा करायी है। यह कैसा सिंगल क्लिक जो एक माह से अधिक बीत जाने के बाद भी अभी तक लाखों किसानों के खाते में राशि ही नहीं पहुंची ।
शिवराज जी ने तो अपनी घोषणा से “सिंगल क्लिक” का मतलब भी बदल दिया है…?
उन्होंने 12 फरवरी को दावा किया था कि प्रदेश के उन 49 लाख 85 हज़ार किसानों के खाते में फसल बीमा की 7618 करोड़ की राशि उन्होंने सिंगल क्लिक के माध्यम से उनके बैंक खातो में जमा करायी है।— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) March 16, 2022
कमलनाथ ने कहा जिन किसानों के खाते में पहुँची भी है ,वह भी निकासी पर रोक के कारण व ऋण में समायोजित के कारण निकाल नही पा रहे है और लाखों किसान तो अभी उस सिंगल क्लिक का इंतज़ार ही कर रहे हैं…अब जब 2 वर्ष बाद मिले फसल बीमा की यह स्थिति है तो खराब फसलों के मुआवजे की स्थिति को ख़ुद समझा जा सकता है..? बेहतर हो शिवराज जी पहले अपनी पुरानी अधूरी घोषणाओं को पूरा करें , फिर प्रदेश की जनता को गुमराह करने के लिए नई घोषणाएँ करे।
शिवराज सरकार दमन पर उतारू
कभी पुरानी पेंशन की माँग कर रहे सरकारी कर्मचारियों की प्रदर्शन की अनुमति निरस्त करना, कभी आशा-उषा और आंगनवाड़ी की कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन के लिये भोपाल आने से रोकना, कही अपना हक़ माँग रहे चयनित शिक्षकों को प्रताड़ित करना लगता है कि शिवराज सरकार लोकतंत्र में मिले विरोध के अधिकार को भी छिनना चाहती है। वो दमन के रास्ते सरकार चलाना चाहती है। अब अपने हक़ के लिये संघर्ष कर रही आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सेवा समाप्ति के नोटिस थमाये जा रहे है, ना उनको उनका हक़ दिया जा रहा है और ना ही उन्हें अपने हक़ की माँग के लिये आवाज़ उठाने दी जा रही है यह कैसी सरकार, यह तो तानाशाही है, कांग्रेस चुप नही बैठेगी, ऐसे दमनकारी निर्णयो का हम सड़क से लेकर सदन तक पुरज़ोर विरोध करेंगे| हमारी माँग है कि पुरानी पेंशन प्रदेश में भी लागू की जावे , आँगनवाडी- आशा- उषा कार्यकर्ताओं को, चयनित शिक्षकों को उनका हक़ दिया जावे, उनकी माँगो को तत्काल माना जावे।