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RAIPUR: छत्तीसगढ़ के अधिकारी-कर्मचारियों के साथ ही अब सरपंच संघ ने भी राज्य शासन के खिलाफ आंदोलन करने का एलान कर दिया है.बिलासपुर में हुई बैठक के बाद सरपंच संघ के पदाधिकारियों ने काम बंद कलम बंद हड़ताल पर जाने का फैसला कर लिया है.उनकी प्रमुख मांगों में 20 हजार रुपए मानदेय देने , 10 लाख रुपए सरपंच निधि देने के साथ ही कोरोना काल के दो साल के कार्यकाल को आगे बढ़ाने जैसी मांगें शामिल हैं.राज्य भर के शासकीय कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.
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छत्तीसगढ़ के अधिकारी-कर्मचारियों के साथ ही अब सरपंच संघ ने भी राज्य शासन के खिलाफ आंदोलन करने का एलान कर दिया है.बिलासपुर में हुई बैठक के बाद सरपंच संघ के पदाधिकारियों ने सोमवार से ही काम बंद कलम बंद हड़ताल पर जाने का फैसला कर लिया है.उनकी प्रमुख मांगों में 20 हजार रुपए मानदेय देने , 10 लाख रुपए सरपंच निधि देने के साथ ही कोरोना काल के दो साल के कार्यकाल को आगे बढ़ाने जैसी मांगें शामिल हैं.राज्य भर के शासकीय कर्मचारी सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.इसके चलते आंदोलन के पहले दिन सरकारी दफ्तरों में खासा असर दिखा.रजिस्ट्री ऑफिस , RTO ऑफिस सहित दर्जन भर से अधिकारी दफ्तरों में तालेबंदी की स्थिति रही.वहीं कर्मचारियों की गैरमौजूदगी में आम लोगों को भटकना पड़ा.इधर , अब सरपंच संघ ने भी अपनी मांगों कोलेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ काम बंद कलम बंद आंदोलन का ऐलान कर दिया है.संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि बीते 10 अगस्त को राजधानी रायपुर में सांकेतिक धरना - प्रदर्शन कर सरकार से मांगों को पूरा करने की चेतावनी दी गई थी.लेकिन , इसके बाद भी शासन ने उनकी मांगों को पूरा करने कोई पहल नहीं किया है.
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