Kalyan Banerjee injured in JPC Meeting: नई दिल्ली में वक्फ बोर्ड संशोधन विधयेक पर हुई संयुक्त समिति (जेपीसी) की बैठक में मंगलवार को बवाल हो गया. इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद कल्याण बनर्जी में समिति के चेयरमेन जगदंबिका पाल पर कांच की बोतल फेंक दी.
जानकारी कि मानें तो इस बैठक में बनर्जी (TMC MP Kalyan Banerjee) और भाजपा अभिजीत गंगोपाध्याय के बीच नोंक-झोंक के अंतराल ये घटना हुई है. प्रत्यक्षदर्शियों ने ये बताया कि टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने वहां रखी कांच की बोतल उठाकर टेबल पर पटक दी उससे वे खुद ही चोटिल हो गए.
जिसके बाद अब झड़प के लिए टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी एक दिन के लिए ससपेंड कर दिया है. टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी बैठक में एक दिन भाग नहीं ले पाएंगे.
#WATCH | Delhi: Meeting of the JPC (Joint Parliamentary Committee) on the Waqf Bill begins at the Parliament Annexe. It was halted briefly after a scuffle broke out during the meeting.
According to eyewitnesses to the incident, TMC MP Kalyan Banerjee picked up a glass water… pic.twitter.com/vTR7xMwOb5
— ANI (@ANI) October 22, 2024
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आपत्तिजनक भाषा का उपयोग हुआ- बनर्जी
सूत्रों के मुताबिक, टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी और भाजपा सांसद गंगोपाध्याय के बीच बैठक में बहस कुछ एक दूसरे को बोले गए कठोर शब्दों के कारण हुई है. टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी के मुताबिक “बैठक के दौरान उनके लिए आपत्तिजनक भाषा इस्तेमाल की गई.
साथ ही उन्होंने कहा कि “उन्हें अपमानजनक नामों (Chaos at Waqf JPC meeting) से पुकारा है. इसके बाद भी समिति के चेयरमैन जगदंबिका पाल ने हस्तक्षेप नहीं किया, जिससे स्थिति बिगड़ गई.
समिति के चेयरमैन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होने पर नाराज बनर्जी ने गुस्से में आकार कांच की बोतल तोड़कर पाल की तरफ फेंक दी है. जिसमें बनर्जी खुद घायल हो गए.
बनर्जी के हाथ में लगी चोट
बनर्जी के अंगूठे और तर्जनी अंगुली पर चोट लग गई, जिसके बाद उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया. इसके बाद, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और आप सांसद संजय सिंह ने उन्हें बैठक कक्ष में वापस ले जाते हुए देखा. टीएमसी सांसद को अधिकारियों द्वारा सूप भी दिया गया.
यह घटना उस समय हुई जब भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में एक समिति सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और वकीलों के एक समूह के विचार सुन रही थी. उसी समय, विपक्षी सदस्यों ने सवाल उठाया कि इस विधेयक में उनका क्या हित है.