Kalsarp Yog 2025 Effect: कुंडली में कई तरह के योग होते हैं जो लोगों पर असर डालते हैं। ऐसे में जब बात कालसर्प योग की आती है तो इसके विपरीत परिणाम भी देखने को मिलते हैं।
ज्योतिषीय गणना (Jyoish) के अनुसार 29 मार्च को शनि गोचर (Shani Gochar 2025) के साथ कालसर्प योग (Kalsarp Yog Date 2025) की शुरुआत हो गई है। जो अच्छे संकेत नहीं दे रहा है। चलिए ऐसे में जानते हैं ज्योतिषाचार्य से कि कालसर्प योग का असर (Kalsarp Yog 2025 ka Asar ) देश और दुनिया पर क्या होगा।
क्या आप जानना चाहते हैं कि 2025 में बन रहा कालसर्प योग आपके जीवन, भारत देश और दुनिया पर क्या असर डालेगा? आइए सरल भाषा में समझते हैं इस विशेष योग का पूरा असर। जानते हैं ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल पांडे (8959594400) से।
कालसर्प योग कब लगेगा और कब खत्म होगा?
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शनि देव 29 मार्च 2025 से लेकर 5 मई 2025 के बीच कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश करेंगे।
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मंगल ग्रह के सिंह से कन्या राशि में गोचर करने पर कालसर्प योग समाप्त होगा।
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यह अधिकतर पंचांगों के अनुसार 28 जुलाई, और ऋषिकेश पंचांग के अनुसार 1 अगस्त 2025 तक रहेगा।
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तो कुल मिलाकर, कालसर्प योग की अवधि रहेगी: 29 मार्च से 28 जुलाई / 1 अगस्त 2025 तक।
कालसर्प योग का असर तीन स्तरों पर होगा:
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विश्व स्तर पर (ग्लोबल असर)
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भारत देश पर (राष्ट्रीय असर)
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व्यक्तिगत राशियों पर (आपकी राशि के अनुसार असर)
🌍 विश्व पर कालसर्प योग का असर
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शेषनाग कालसर्प योग के समय (29 मार्च से 18 मई) में दुनिया के हालात बिगड़ सकते हैं।
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रूस-यूक्रेन और इजराइल-मुस्लिम देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है।
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विश्व के किसी हिस्से में युद्ध या हिंसक घटनाएं हो सकती हैं।
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एक बड़े नेता या महापुरुष की मृत्यु भी संभव है।
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18 मई से होगी विषाक्त कालसर्प योग की शुरुआत
हिन्दू पंचांग के अनुसार 18 मई से विषाक्त कालसर्प योग की शुरुआत हो रही है। जो सामान्य कालसर्प योग से भी ज्यादा खतरनाक समय माना जा रहा है। इसके होने पर आकस्मित मृत्यु की शुरुआत मानी जाती है।
क्या होता है विषाक्त कालसर्प योग
जब राहु कुंडली के ग्यारहवें भाव में स्थित हो और केतु पांचवें भाव में हो तो विषाक्ता कालसर्प योग का निर्माण होता है। इस प्रकार के कालसर्प योग के परिणाम स्वरूप व्यक्ति हृदय रोग, नेत्र रोग, अनिद्रा रोग आदि से ग्रसित रहता है। आकस्मिक मृत्यु की भी संभावना होती है।
भारत पर कालसर्प योग का असर
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भारत की कुंडली के अनुसार यह शंखनाद और तक्षक कालसर्प योग बनता है, जो घरेलू अशांति और बाहरी तनाव बढ़ा सकता है।
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पाकिस्तान, चीन और बांग्लादेश के साथ तनाव बढ़ सकता है।
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कश्मीर में आतंकवाद बढ़ने की संभावना है।
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भारत में एक बड़े राजनेता की मृत्यु हो सकती है।
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वक्फ बोर्ड, कानूनों का विरोध जैसी घटनाएं बढ़ सकती हैं।
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