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Kailash Temple Mystory : महाराष्ट्र की इला गंगा नदी के पास स्थित एलोरा गांव की गुफाओं के बारे में आज हमारे पास पर्याप्त जानकारियां या तथ्य मौजूद नहीं है। इन्हीं गुफाओं में से प्रमुख कैलाश मंदिर (Kailash Temple Mystory) है। जो दुनियाभर में रहस्यमय मंदिर बना हुआ है। कैलाश मंदिर देखने में जिनता अद्धभुत और विशाल दिखाई देता है, उतना ही यह मंदिर रहस्यमय है। कुछ सालों पहले इस मंदिर (Kailash Temple Mystory) की कुछ गुफाओं को आम जनता के लिए खोला गया था। लेकिन, बाद में इन गुफाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। इन गुफाओं को क्यों बंद कर दिया गया, यह आज भी रहस्य बना हुआ है।
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इंटरनेट पर कैलाश मंदिर (Kailash Temple Mystory) से जुड़ी कई जानकारियां मौजूद है। लेकिन इसका वास्तविक इतिहास क्या है, यह किसी को नहीं मालूम। मंदिर (Kailash Temple Mystory) को देखकर तो ऐसा प्रतित होता है कि यह किसी अदृश्य शक्ति या अलौकिक शक्ति से इस मंदिर का निर्माण किया गया हो। मंदिर (Kailash Temple Mystory) का निर्माण कब किया गया इसकी जानकारी भी सटीक नहीं है। और तो और इस मंदिर (Kailash Temple Mystory) में भगवान शिव की पूजा क्यों नहीं होती है। गुफा को लेकर कुछ ऐसे तथ्य हैं जो आज भी हमारे लिए पहेली बने हुए है। क्योंकि मंदिर के नीचे तहखाने, गुफाओं का निमार्ण, मूर्ति को तराशना वो भी 4 लाख टन पत्थरों को ऐसा कैसे संभव हो सकता है। अगर 7 हजार लोगों को बिना रूके 12 घंटे भी काम कराया जाए तो ये लोग 17 से 18 सालों में मात्र 85 हजार टन पत्थरों को काट सकते है। इतना ही नहीं मंदिर (Kailash Temple Mystory) की गुफाओं में एक निश्चित स्थान से रेडिएशन कैसे आ रहा है।
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कैलाश मंदिर (Kailash Temple Mystory) का निर्माणकार्य ऊपर से नीचे की ओर किया गया है। मंदिर निर्माण (Kailash Temple Mystory) को देखकर तो ऐसा लगता है कि इसमें स्टील रॉड और ड्रिल मशीनों का उपयोग किया गया हों। कैलाश मंदिर (Kailash Temple Mystory) विज्ञान और पुरातत्व के वैज्ञानिकों के लिए रहस्यमय बना हुआ है। इतिहास और साहित्य में इस मंदिर का निर्माणकार्य राष्ट्रकूट राजा कृष्ण प्रथम की पत्नी ने 756 ई. से लेकर 773 ई. तक करवाया था। मंदिर (Kailash Temple Mystory) में एक अभिलेख है, जो इतना ज्यादा खराब हो चुका है, कि इसे पढ़ पाना मुश्किल है। मंदिर में बारिश के पानी की निकासी के लिए नालियों के साथ पानी स्टोरेज सिस्टम भी बनाया गया है। मंदिर के नीचे बहुत गहराई तक गुफाओं, तहखानों, कक्षों का निर्माण कार्य किया गया है।
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वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के अनुमान के अनुसार इस पहाड़ी से लगभग 400,000 टन पत्थरों को काटा गया होगा। और इस कार्य में 7,000 लोग लगे होंगे, जिन्होंने करीब 150 साल तक काम किया होगा। लेकिन स्त्रोतों की मानें तो महज यह मन्दिर मात्र 17 वर्षों में बन कर तैयार हो गया था। कैलाश मंदिर (Kailash Temple Mystory) देखने में जितना अद्धभुत दिखता है, उतना ही रहस्यमय है। इस मंदिर से कई रहस्य जुड़े हुए है। जिसमें सबसे बड़ा रहस्य मंदिर (Kailash Temple Mystory) की गुफाएं है। कुछ दशकों पहले तक कुछ गुफाएं आम पर्यटकों के लिए खुली हुईं थीं, लेकिन सरकार के आदेश के बाद इन गुफओं को बंद कर दिया गया। आर्कियोलोजिस्ट की एक रिसर्च के अनुसार इन गुफाओं में रेडिएशन है। तहखानों की गुफाओं के एक स्थान से रेडियो एक्टिविटी तरंगे निकल रही हैं। जिसके चलते इसके अंदर रूकना असंभव है।
कहा जाता है कि कैलाश मंदिर (Kailash Temple Mystory) की इन गुफाओं को अंग्रेजों ने बंद कर दिया था और मंदिर से जुड़ी रिसर्च को भी नष्ट कर दिया गया था। शासकीय औपचारिकता में बताया गया था कि, इन गुफाओं में फिसलन वाली ढलान है, यहाँ पर रेडिएशन है। इसलिए यहां पर जाने पर जान का जोखिम है। इसलिए इन गुफाओं को बंद कर दिया गया है। बताया जाता है कि गुफाओं में छोटे छोटे कमरे बने हुए हैं। आपको बता दें कि कैलाश मंदिर (Kailash Temple Mystory) की ऊंचाई 90 फिट है और लंबाई 276 फिट है, चौड़ाई 54 फिट है। इस मन्दिर का निर्माण कार्य पत्थरों को जोड़कर नहीं किया गया है। बल्कि एक ही पहाडी में पूरा मंदिर बनाया गया है।
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