नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र में कुंडली में विभिन्न प्रकार के दोष बताए गए हैं। जिनका कुंडली पर अलग—अलग असर देखने को मिलता है। ऐसे में जब बात आती है कालसर्प योग की तो लोगों के पैरों तले जमीन खिसक जाती है। जी हां क्योंकि यदि ये कालसर्प योग किसी की कुंडली में आ जाए तो उसे बर्बाद करके छोड़ता है। हम आपको बता दें इसी में से एक आंशिक कालसर्प योग की शुरुआत हो चुकी है। यह योग हमें सतर्क रहने के लिए आगाह कर रहा है।
ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल कुमार पाण्डेय के अनुसार 12 दिसंबर से कालसर्प योग की शुरुआत हो चुकी है। कल इसमें से चंद्रमा के बाहर आने पर आंशिक कालसर्प योग एक बार फिर शुरू हो जाएगा। चंद्रमा की चाल ढ़ाई दिन की होती है। जिसके कारण इस कालसर्प योग में बार—बार आंशिक कालसर्प योग की स्थिति बनती है। लेकिन नए साल की शुरुआत में पूर्ण कालसर्प योग बनने के कारण स्थिति विपरीत हो सकती हैं। जिसके बाद नए वर्ष की शुरुआत ही कालसर्प योग के साथ होगी। ऐसे में विशेष सावधान रहने की जरूरत है। आप भी जान लें इनके बारें में।
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आंशिक योग की स्थिति में चंद्रमा राहु—केतू के बाहर आ जाते हैं। स्थान परिवर्तन के कारण इनकी तिथियों में एक—दो दिन का अंतर आता है। कुछ पंचांगों के अनुसार पूर्ण काल सर्प योग शुक्रवार 31 दिसंबर सुबह 5 बजे से बन जाएगा। ऐसे में आने वाला 2022 के साल का प्रारंभ कालसर्प योग में ही होगा। जबकि 13 जनवरी को एक बार फिर ये योग खंडित हो जाएगा। जो 14 से 15 दिनों तक खंडित रहेगा। और फिर यह योग गुरुवार, 27 जनवरी से पुन: प्रारंभ हो जाएगा, जो रविवार, 24 अप्रैल 2022 तक रहेगा। जिसके बाद यह पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगा।
देश पर भी दिखाएगा असर —
ब्रह्मांड में कालसर्प योग का असर होने से विश्व में तनाव रहने के स्थिति बनती है। इस दौरान कई प्रकार की समस्याएं भी समाने आती रहेंगी। इस समय सीमा पर भी दिक्कतें हो सकती है।
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नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।