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Jyotiraditya Scindia: जब प्रियदर्शनी ने भरे मंच से कहा था- हम अपने सिंधिया जी से प्यार करते हैं, सूट-बूट वाली...

Jyotiraditya Scindia: जब प्रियदर्शनी ने भरे मंच से कहा था- हम अपने सिंधिया जी से प्यार करते हैं, सूट-बूट वाली...Jyotiraditya Scindia: When Priyadarshini said from the filled stage - we love our Scindia ji

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Bansal Digital Desk
Jyotiraditya Scindia: जब प्रियदर्शनी ने भरे मंच से कहा था- हम अपने सिंधिया जी से प्यार करते हैं, सूट-बूट वाली...

भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) और उनकी पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया (Priyadarshini Raje Scindia) की प्रेम कहानी किसी से छुपी हुई नहीं है। दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करते हैं। इसी से जुड़ा एक किस्सा आज हम आपको बताने जा रहे हैं। सिंधिया तब कांग्रेस में हुआ करते थे और वे गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से उम्मीदवार थे। इसी चुनाव में प्रियदर्शनी ने भरे मंच से ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए प्यार का इजहार किया था।

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सभा को संबोधित कर रही थी प्रियदर्शनी

दरअसल, नामांकन के बाद सिंधिया अपनी पत्नी प्रियदर्शनी के साथ जनसभा को संबोधित करने पहुचे थे। सभा को पहले प्रियदर्शनी राजे सिंधिया ने संबोधित किया। वो जैसे ही मंच पर पहुंची लोग महारानी की जय के नारे लगाने लगे। इससे प्रियदर्शनी भी गद-गद हो गईं। उन्होंने पहले सभा को संबोधित किया और फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए एक शायरी सुनाई और भरे मंच से कहा हम अपने सिंधिया जी से प्यार करते हैं।

लोग ठहाके मार के हंसने लगे थे

प्रियदर्शनी ने पहले वहां मौजूद लोगों से पूछा क्या मैं एक कविता आप लोगों को सुनाउं। लोगों ने कहा, हां जरूर। इस पर प्रियदर्शनी ने कहा मैं अभी गुना, शिवपुरी और अशोकनगर का दौरा करके आ रही हूं। इसी दौरान मैंने एक कविता लिखी है। कविता पढ़ते हुए उन्होंने कहा- चांदनी से चांद होती है, तारों से नहीं, हम अपने प्रिय सिंधिया से प्यार करते हैं, सूट-बूट वाली सरकारों से नहीं। उनकी इस बात को सूनकर वहां मौजूद सभी लोग ठहाके मार कर हंसने लगे थे।

दोनों की शादी 1994 में हुई थी

गौरतलब है कि बड़ोदरा रियासत की राजकुमारी प्रियदर्शनी राजे का विवाह ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 12 दिसंबर 1994 को हुआ था। ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रियदर्शनी से पहली ही नजर में प्यार हो गया था। शादी के बाद दोनों के रिसेप्शन में वर-वधू को आशीर्वाद देने के लिए उस समय के राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा, प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहराव समेत कई बड़ी हस्तियां ग्वालियर आए थे।

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