मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सिंधिया रियासत काल की एक पुरानी विरासत को बचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सिंधिया शासनकाल के समय की इस विरासत को सहेज के रखने के लिए सिंधिया ने रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को एक पत्र भी लिखा है।
दरअसल, महाराज सिंधिया ने 116 साल पुरानी ग्वालियर-श्योपुर नैरोगेज को सहेजने का वीणा उठाया है। महाराज सिंधिया ने नैरोगेज के इंजन और कोच की नीलामी को रोकने के लिए रेल मंत्री से अनुरोध किया है। सिंधिया ने रेल मंत्री को लिखे पत्र में नैरोगेज ट्रेक पर हैरिटेज ट्रेन चलाने की बात कही है। बता दें कि इस नैरोगेज पर पहले ग्वालियर से श्योपुर तक ट्रेन चलती थी, लेकिन अभी फिलहाल बंद है।
सिंधिया का रेल मंत्री को खत
महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रेलमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि ग्वालियर में हैरिटेज ट्रेन या मेट्रो ट्रेन चलाने के लिए सरकार मंथन कर रही है। इसलिए जबतक निर्णय नहीं होता तबतक नैरोगेज की नीलामी न की जाए। क्योंकि अगर सरकार हैरिटेज ट्रेन चलाने का निर्णय लेती है, तो बोगियों में इंजन की जरूरत होगी, जिसकी पूर्ती नैरोगेज की बोगियों और इंजन से पूरी की जा सकती है। इसलिए नैरोगेज की नीलामी को रोका जाए।
116 साल पहले शुरू हुई थी नैरोगेज ट्रेन
आपको बता दे कि नैरोगेज ट्रेन ग्वालियर की पहचान है। इसे 116 पहले सिंधिया शासनकाल में शुरू किया गया था। इसलिए महाराज सिंधिया इस 116 साल पुरानी विरासत को बचाना चाहते हैं। महाराज सिंधिया नैरोगेज के हैरिटेज टूरिस्ट ट्रेन में बदलना चाहते है, ताकि देश- विदेश से आने वाले पर्यटकों हैरिटेज टूरिस्ट ट्रेन का लाभ उठा सके। जिससे सरकार का फायदा होगा और सिंधिया शासन काल की विरासत बची रहेगी।