नई दिल्ली। (भाषा) उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस ने मंगलवार को नारद स्टिंग टेप मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य के कानून मंत्री की याचिकाओं पर सुनवाई से स्वयं को अलग कर लिया। मामले में सीबीआई द्वारा तृणमूल कांग्रेस के चार नेताओं को गिरफ्तार किये जाने के दिन दोनों की भूमिकाओं के संबंध में याचिकाएं दाखिल की गईं। न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति बोस की अवकाशकालीन पीठ जैसे ही आज की सुनवाई शुरू करने के लिए बैठी, न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा कि उनके साथी न्यायाधीश खुद को इन अपीलों पर सुनवाई से अलग कर रहे हैं।
Supreme Court judge Justice Aniruddha Bose recuses from hearing pleas in the Narada scam case pic.twitter.com/BYKI3bJ4lp
— ANI (@ANI) June 22, 2021
पीठ की अध्यक्षता करते हुए न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा कि अब इस विषय को प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमण के समक्ष रखा जाएगा जो इस संबंध में फैसला ले सकते हैं। याचिकाओं को आज ही सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है। शीर्ष अदालत को तीन याचिकाओं पर सुनवाई करनी थी जिनमें एक याचिका राज्य सरकार की है। इन याचिकाओं में 17 मई को सीबीआई द्वारा नारद टेप मामले में तृणमूल कांग्रेस के चार नेताओं की गिरफ्तारी के बाद ममता बनर्जी और पश्चिम बंगाल के कानून मंत्री को उनकी भूमिकाओं पर हलफनामे दाखिल करने से इनकार करने के, उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई है। आरोप हैं कि पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं ने सीबीआई को मामले में चार नेताओं की गिरफ्तारी के बाद उसका कानूनी कामकाज करने से रोकने में अहम भूमिका अदा की।