हाइलाइट्स
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बढ़ते तापमान को देखते हुए जंगल सफारी का समय बदला
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सैलानी 9 अप्रैल से सुबह 7 बजे सफारी का आनंद उठा सकेंगे
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सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक घूम पाएंगे सफारी
Jungle Safari Raipur: प्रदेश में तापमान बढ़ रहा है. ऐसे में मानव निर्मित रायपुर के जंगल सफारी के समय में बदलाव कर दिया गया है. सैलानी अब 9 अप्रैल से सुबह 7 बजे से जंगल सफारी की सैर कर सकेंगे. बता दें कि पहले सफारी के खुलने का समय सुबह साढ़े नौ बजे से था, जो अब ढाई घंटे पहले खुलेगा और लोग 4 बजे तक सफारी का आनंद ले पाएंगे.
37 वन्यजीव प्रजातियों का खूबसूरत घर
अटल नगर नवा रायपुर में बना यह जंगल सफारी (Jungle Safari Raipur) प्रदेश में आने वाले पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण का केंद्र है. यह मैमल्स और रेप्टाइल्स समेत कुल 37 वन्यजीव प्रजातियों का खूबसूरत घर है. यह जंगल सफारी देश के सबसे खुबसूरत जंगल सफारियों में से एक है.
जंगल सफारी सफारी के डायरेक्टर धम्मशील गणवीर ने कहा कि नंदनवन जंगल सफारी (Nandanvan Jangal Safari) पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. जंगल सफारी प्रबंधन वन्य जीव संरक्षण और पर्यटन विकास में प्रयास कोशिश कर रहा है.
12 साल से कम उम्र के बच्चों की एंट्री फ्री
नवा रायपुर (Nawa Raipur) के जंगल सफारी की सैर के लिए नॉन एसी बस का 100 रुपए किराया है. वहीं 12 साल के बच्चों का किराया 25 रुपए है. वहीं एसी बस में सफर करने का किराया 150 रुपए है. वहीं 12 साल तक के बच्चों का किराया 50 रुपए है. बता दें कि जू में 12 साल से कम उम्र के बच्चों की एंट्री फ्री है.
आप जंगल सफारी में अगर कैमरा लेकर जा रहे हैं तो इसके लिए आपको अलग से पैसे देने होंगे. स्टिल/डिजिटल कैमरा 100 रुपए, हैंडी कैम/वीडियो कैमरा (सामान्य) का 500 रुपए देने होंगे. वहीं कमर्शियल वीडियो कैमरा बिना परमिशन नहीं ले जा सकते हैं.
पर्यटक पिंजरे नुमा गाड़ी में करते हैं सैर
यहां (Jungle Safari Raipur) आप बाघ, सिंह, भालू और हिरण-नील गाय को खुले में देख सकते हैं. बीयर सफारी का क्षेत्रफल और टाइगर सफारी का क्षेत्रफल 20 हेक्टेयर है. तो वहीं लायन सफारी का क्षेत्रफल भी 20 हेक्टेयर है. जंगल में सैर के दौरान वन्य प्राणी खुले में रहते हैं जबकि पर्यटक पिंजरे नुमा गाड़ी में रहते हैं.
शहर से करीब 25 किलोमीटर दूरी पर स्थित
एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित जंगल सफारी अब दुनिया भर में प्रसिद्ध हो रही है. यह (Jungle Safari Raipur) रायपुर शहर से करीब 25 किलोमीटर दूरी पर स्थित है, जो लगभग 320 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली है. जंगल सफारी के आस-पास सैलानियों के ठहरने और रिफरेशमेंट के लिए पर्यटन और वन विभाग द्वारा मोटल और रिसॉर्ट जैसी सुविधाएं उपलब्ध है.
यहां 1945 वर्ग मीटर क्षेत्र में बाघों के प्राकृतिक रहवास के लिए छायादार पौधे लगाए गए हैं. सैलानी बाघों को देख पाएं, इसलिए यहां दर्शक दीर्घा बनाई गई है. बाघों का प्राकृतिक आवास केन्द्रीय चिड़िया घर नई दिल्ली के नार्म्स के अनुसार तैयार किया गया है. यहां शेरों के लिए 2550 वर्ग मीटर में रहवास बनाया गया है. इसके साथ ही शेरों के लिए गुफा भी बनाया गया है.