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Jiwaji University Gwalior News: ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय (जेयू) से जुड़े निजी कॉलेजों में गड़बड़ियां सामने आई हैं। अंचल के 349 कॉलेजों में से करीब 200 बीएड, सामान्य और मैनेजमेंट कॉलेजों को सत्र 2024–25 के लिए शर्तों के साथ अस्थायी संबद्धता दी गई थी। इन कॉलेजों को तीन महीने के भीतर अपनी कमियां पूरी करने को कहा गया था, लेकिन समय सीमा निकलने के बाद भी ज़्यादातर कॉलेजों ने नियमों का पालन नहीं किया।
तीन महीने में सिर्फ पूरी की औपचारिकताएं
विश्वविद्यालय प्रशासन ने कॉलेजों को शिक्षक, लैब, लाइब्रेरी और भवन से जुड़ी कमियां दूर करने के लिए तीन महीने की मोहलत दी थी। लेकिन तय समय में सिर्फ 55 कॉलेजों ने ही पालन प्रतिवेदन ((Compliance Report) जमा की। इसके बाद एक महीने की अतिरिक्त मोहलत भी दी गई, फिर भी 74 कॉलेजों ने जरूरी शपथ पत्र (affidavit) तक जमा नहीं किया।
अब नहीं मिलेगी संबद्धता
जेयू प्रशासन अब इन 74 कॉलेजों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी में है। इन कॉलेजों को सत्र 2025–26 की संबद्धता प्रक्रिया से बाहर किया जाएगा। इतना ही नहीं, इनके लिए शुल्क जमा करने की लिंक भी जारी नहीं होगी, यानी अगला सत्र शुरू होने से पहले ही इनका ताला लग सकता है। जेयू के डीसीडीसी प्रो. शांतिदेव सिसौदिया ने पुष्टि की है कि जिन कॉलेजों ने शपथ पत्र नहीं दिया है, उन्हें संबद्धता प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाएगा।
गंभीर कमियाँ, शिक्षा पर असर
बीएड, सामान्य और मैनेजमेंट कॉलेजों की जांच में सामने आया कि इनमें से कई संस्थानों में न तो पर्याप्त शिक्षक हैं, न सही लैब या लाइब्रेरी की सुविधा कुछ कॉलेज तो स्कूल की इमारतों में चल रहे हैं, यह तथ्य निरीक्षण समितियों की रिपोर्ट में भी दर्ज है। इसके बावजूद पिछले साल इन कॉलेजों को संबद्धता दे दी गई थी।
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पहले भी 42 कॉलेजों की मान्यता रद्द
उच्च शिक्षा विभाग ने सत्र 2024–25 में भी कमियों के चलते 42 कॉलेजों की मान्यता रद्द की थी। इसके बावजूद निजी कॉलेजों में अनियमितता और फर्जीवाड़ा जारी है। यदि इस बार जेयू प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया, तो 74 कॉलेजों की संबद्धता रद्द होने की पूरी संभावना है।
छात्रों के भविष्य पर संकट
इन कॉलेजों की लापरवाही का सबसे बड़ा असर छात्रों पर पड़ रहा है। न तो उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है और न ही सही संसाधन। जेयू प्रशासन के अनुसार, अब सख्त कार्रवाई के बिना सुधार की कोई उम्मीद नहीं है। ग्वालियर अंचल के निजी कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है। जीवाजी विश्वविद्यालय ने अब ठान लिया है कि जो संस्थान नियमों का पालन नहीं करेंगे, उन्हें संबद्धता नहीं दी जाएगी ताकि आने वाले सत्र में छात्रों को किसी भी तरह का नुकसान न हो।
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