नयी दिल्ली, 12 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने भाजपा के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दल-बदल कानून के तहत कार्यवाही पर उच्च न्यायालय की अंतरिम रोक को चुनौती देने वाली झारखंड के विधानसभा अध्यक्ष की याचिका मंगलवार को खारिज कर दी।
शीर्ष अदालत ने कहा कि यह मामला उच्च न्यायालय में बुधवार को अंतिम सुनवाई के लिये सूचीबद्ध है, इसलिए वह विधानसभा अध्यक्ष की याचिका पर विचार करने की इच्छुक नहीं है।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने याचिका खारिज करते हुये उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि इस मामले का यथाशीघ्र निस्तारण किया जाये।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्रनाथ महतो की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा, ‘‘मैं समझ नहीं पा रहा कि इस तरह की रिट याचिका विचार योग्य है भी या नहीं। क्या अध्यक्ष के नोटिस के खिलाफ याचिका उच्च न्यायालय में विचारणीय हो सकती है।’’
दूसरी ओर, मरांडी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी एस नरसिम्हा ने कहा कि यह याचिका बुधववार के लिये उच्च न्यायालय में सूचीबद्ध है।
इस पर पीठ ने सिब्बल से कहा कि वह इस बिन्दु पर उच्च न्यायालय में बहस कर सकते हैं और वहां सारे सवाल उठा सकते हैं।
उच्च न्यायालय ने पिछले साल 17 दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दसवीं अनुसूची के तहत जारी कारण बताओ नोटिस पर 13 जनवरी तक के लिये रोक लगाते हुये अध्यक्ष से कहा था कि इस दौरान उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाये।
बाबूलाल मरांडी ने 2019 के विधानसभा चुनाव में धनवार सीट से जीतने के बाद पिछले साल फरवरी में अपनी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा-प्रजातांत्रिक का भाजपा में विलय कर दिया था। इस पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतने वाले दो अन्य विधायकों को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था और वे दोनों बाद में कांग्रेस में शामिल हो गये थे।
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अनूप दिलीप
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