हाइलाइट्स
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‘फ्लोर टेस्ट में हम सफल होंगे’
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सत्र 5 फरवरी से होगा शुरू
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बहुमत साबित होने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार
Jharkhand Politics: हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के इस्तीफे के बाद शुक्रवार (2 फरवरी) को चंपई सोरेन (Champai Soren) ने झारखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। वहीं चंपई सोरेन के सीएम बनने के तुरंत बाद जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी के गठबंधन के 38 विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट कर दिया गया है।
कल फ्लोर टेस्ट होना है। ऐसे में टूट-फूट की आशंका ने सबकी बेचैनी बढ़ा दी है। इस बीच मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बीजेपी सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि कल फ्लोर टेस्ट में हम सफल होंगे।
कोर्ट से इजाजत लेकर विधानसभा भी जाएंगे हेमंत सोरेन
झारखंड में राजनीतिक उठापटक के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा और बन्ना गुप्ता समेत कांग्रेस के विधायक रांची हवाईअड्डे से हैदराबाद के लिए एक निजी विमान में सवार हुए। इससे पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी के नेता चंपई सोरेन ने रांची के राजभवन में झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
सोरेन के साथ, कांग्रेस के आलमगीर आलम और राजद के सत्यानंद भोक्ता ने भी झारखंड कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण के बाद कई विधायक विधानसभा में शक्ति परीक्षण से पहले हैदराबाद के लिए रवाना हो गए।
यह गठबंधन द्वारा अपने झुंड की रक्षा करने का एक प्रयास है। 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में, झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास 29, उसकी सहयोगी कांग्रेस के पास 17 सीटें हैं जबकि राजद और सीपीआई (एमएल) के पास 1-1 सीट है। 43 विधायकों के समर्थन के साथ, इंडिया ब्लॉक के पास शक्ति परीक्षण के लिए पर्याप्त संख्या है।
चार्टर प्लेन से रांची पहुंचेंगे विधायक
महागठबंधन के विधायक रविवार की दोपहर हैदराबाद से रांची के लिए रवाना होंगे। सभी 36 विधायक और अन्य नेता चार्टर प्लेन से रांची पहुंचेंगे। रांची में सभी को सीधे सर्किट हाउस लाया जाएगा। यहां भी विधायकों को सुरक्षा में रखा जाएगा।
सोमवार को झारखंड विधानसभा के सत्र से पहले 10 बजे सभी विधायकों को विधानसभा ले जाया जाएगा, जहां वे नवनियुक्त सरकार का बहुमत साबित करने के लिए मतदान करेंगे। फ्लोर टेस्ट के बाद ही विधायकों को छोड़ा जाएगा।
फ्लोर टेस्ट के लिए भी खास तैयारियां की गई हैं। इन तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए आज मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अहम बैठक बुलाई गई है।
गठबंधन के विधायक क्यों पहुंचे हैदराबाद?
वहीं सत्तारूढ़ गठबंधन के एक सीनियर नेता ने कहा था कि विधायकों को कांग्रेस शासित तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में स्थानांतरित करने का फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि बीजेपी उन्हें लुभाने की कोशिश कर सकती है।
‘सरकार का बहुमत साबित करने के लिए हमें 10 दिन का समय दिया गया है। हम इस दौरान कोई जोखिम नहीं उठा सकते, क्योंकि बीजेपी हमारे विधायकों से संपर्क करने की कोशिश कर सकती है। ‘
बता दें चंपई सोरेन इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार में परिवहन मंत्री थे। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में हेमंत से लंबी पूछताछ और गिरफ्तारी से पहले मुख्यमंत्री पद से उनके इस्तीफे के बाद चंपई को सत्तारूढ़ गठबंधन का नया नेता चुना गया था।