रांची। झारखंड सरकार ने बुधवार को राज्य विधानसभा में संकेत दिया कि वह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण दिए बिना पंचायत चुनाव करा सकती है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए, संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि पंचायत चुनाव जल्द ही ‘ट्रिपल टेस्ट’ के बिना होंगे, जैसा कि उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी है। ‘ट्रिपल टेस्ट’ में स्थानीय निकायों के संबंध में पिछड़ेपन की प्रकृति और निहितार्थ की जांच करने के लिए एक विशेष आयोग का गठन करना शामिल है। आलम ने कहा, ‘‘ट्रिपल टेस्ट एक लंबी प्रक्रिया है ।
ट्रिपल टेस्ट के बिना, ओबीसी आरक्षण संभव नहीं है। यदि हम पंचायत चुनाव कराने में नाकाम रहते हैं तो हमें 15वें वित्त आयोग के अनुदान से वंचित किया जा सकता है। पंचायत चुनाव के आयोजन में देरी के कारण राज्य को बहुत नुकसान हुआ है।’’ उन्होंने कहा कि राज्य पंचायत चुनावों को आगे नहीं बढ़ा सकता। इसलिए झारखंड सरकार ने 24 फरवरी को पंचायत चुनाव कराने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी। विधानसभा के चालू बजट सत्र के दौरान, आलम ने कहा कि अगर राज्य में पंचायत चुनाव कराने में विफल रहता है तो केंद्र मनरेगा जैसी योजनाओं के लिए 15वें वित्त आयोग के अनुदान को रोक सकता है।