Jharkhand Gandey Assembly Seat Result: झारखंड की बहुचर्चित गांडेय विधानसभा सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की कल्पना सोरेन ने जीत हासिल की है, हालांकि उनकी जीत का औपचारिक ऐलान अभी बाकी है। कई राउंड की गिनती में बंपर बढ़त बनाने के बावजूद बीजेपी उम्मीदवार मुनिया देवी को हार का सामना करना पड़ा।
इस सीट पर कल्पना की जीत काफी संघर्षपूर्ण रही, क्योंकि उन्हें बीजेपी कैंडिडेट मुनिया देवी से कड़ी टक्कर मिली। शुरुआती राउंड में कल्पना कई हजार वोटों से पीछे चल रही थीं, लेकिन उन्होंने बाजी मारी और गांडेय सीट को झामुमो के खाते में डाल दिया।
हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन को इस चुनाव में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला नेता माना जा रहा है।
प्राइवेट स्कूल चलाती हैं कल्पना
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन का संबंध ओडिशा के मयूरभंज जिले से है, हालांकि उनका जन्म रांची में हुआ था। 1976 में जन्मीं कल्पना ने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई रांची से की और इसके बाद वह पिछले कई वर्षों से रांची में एक प्राइवेट स्कूल चला रही हैं। 7 फरवरी 2006 को उन्होंने हेमंत सोरेन से शादी की, जो पहली बार तब सुर्खियों में आईं।
कल्पना सोरेन दो बेटों की मां हैं और अब तक राजनीति से दूर ही रहीं, लेकिन वह समय-समय पर अपने पति, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ सार्वजनिक कार्यक्रमों में नजर आती रही हैं। हेमंत और कल्पना की शादी अरेंज्ड मैरिज थी, जो दोनों परिवारों की सहमति से धूमधाम से हुई। उस समय हेमंत सोरेन के पिता, शिबू सोरेन, केंद्रीय कोयला मंत्री थे। अपनी शादी के बाद से कल्पना सोरेन ज्यादातर पारिवारिक जीवन में ही व्यस्त रहीं, लेकिन उनका नाम हमेशा उनके पति के साथ जुड़ा रहा है।
2010 से शुरू हुआ राजनितिक सफर
भारतीय जनता पार्टी गांडेय विधानसभा सीट से बीजेपी ने मुनिया देवी को उम्मीदवार बनाया है, जो झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की स्टार प्रचारक और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी, कल्पना सोरेन से मुकाबला कर रही हैं।
बीजेपी ने कल्पना सोरेन के खिलाफ कोई हाई प्रोफाइल नेता नहीं उतारा है, बल्कि एक जमीनी नेता पर भरोसा जताया है। मुनिया देवी कुशवाहा समाज से ताल्लुक रखती हैं और वर्तमान में गिरिडीह की जिला परिषद की अध्यक्ष हैं।
मुनिया देवी ने एक साल पहले बीजेपी जॉइन की थी, जब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक जनसभा में उन्हें पार्टी में शामिल किया। मुनिया देवी का राजनीतिक सफर 2010 के आसपास शुरू हुआ, जब वे विशुद्ध रूप से गृहणी थीं।
2010-11 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जमुआ पूर्वी भाग से जिला परिषद सदस्य के रूप में निर्वाचित हुईं। इसके बाद वे जिला परिषद की अध्यक्ष बनीं। 2022 में उन्होंने दोबारा जिला परिषद सदस्य के रूप में चुनाव जीता और फिर से अध्यक्ष बनीं, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिति और मजबूत हुई।
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