झाबुआ। Jhabua News जीवन में चल रही कश्मकशता उस मोड़ पर लाकर खड़ा कर देती है जब इंसान जीवन की उस नाव में सवार हो जाता है जहां दूर—दूर तक किनारा नजर नहीं आता। झाबुआ की 25 साल की युवा डॉक्टर की जिंदगी भी कुछ इसी कश्म कश में बीत रही थी। जिसमें जीवन का लक्ष्य पाने के बावजूद भी उसे अपनी जिंदगी अधूरी लग रही थी। गुरुवार को झाबुआ की निशा भायल ने सुसाइड कर ली।
सुसाइड नोट में क्या लिखा — Jhabua News
झाबुआ की 25 साल की युवा डॉक्टर निशा भायल ने अपनी महज इस कारण अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी, क्योंकि उसका मानना था कि वह सुदंर नहीं है। उसका कोई काम अच्छा नहीं हो रहा है। जी हां निशा के पास से मिली एक डायरी में कुछ अंश मिले हैं जिसमें उसने लिखा है कि मैं दिखने में सुंदर नहीं हूं। मैं जो काम करती हूं, वो गलत हो जाता है। बहुत परेशान हूं। जीवन में कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा। आत्महत्या करने की इच्छा होती है। सामने चल रही गाड़ी से अपनी गाड़ी टकराकर जान देने की इच्छा होती है। कमरे में रहती हूं तो छत का पंखा देखकर मन करता है, इस पर लटक कर जान दे दूं। मेरे माता-पिता ने मुझे बड़ी मेहनत से पढ़ाया है। उनका मुझ पर ये कर्ज है। इसीलिए रुक जाती हूं, लेकिन हमेशा यही सोचती हूं कि इसी समय जान दे दूं…।
पंखे पर लटका था शव — Jhabua News
आपको बता दें निशा ने गुरुवार रात झाबुआ में मेघनगर नाका स्थित किराए के मकान में पंखे पर दुपट्टा से बांधकर फंनाकर उससे लटक कर आत्म हत्या कर ली। आपको बता दें 6-8 महीने पहले ही बॉन्ड के आधार पर उसे झाबुआ जिला अस्पताल में नियुक्ति मिली थी।
छुट्टी मनाकर लौटी थी निशा Jhabua News
जानकारी के अनुसार निशा गुरुवार को सुबह होली की छुट्टि मनाकर पेटलावद से झाबुआ लौटीं थी। इसी दिन में ड्यूटी कर शाम साढ़े 5 बजे कमरे पर गई। इसके बाद उसने दूध भी लिया और किचन स्टैंड पर एक बर्तन में खाली करके रखा। लेकिन रात लगभग 8 बजे के बाद से कमरे का दरवाजा नहीं खुला था।
फंदे पर लटक रही थी लाश — Jhabua News
पड़ोसियों की मानें तो 8 बजे तक जब दरवाजा खुला नहीं मिला। रात 9 बजे परिजनों के द्वारा फोन किए जाने पर जब तो उन्होंने पड़ोस में रहने वाली निशा के साथ ही पदस्थ डॉ. निशा मुलेवा को फोन लगाकर उसके बारे में जानने की कोशिश की। तब उस निशा ने दरवाजा खटखटाया और पड़ोसियों को बुलाया। काफी देर तक दरवाजा नहीं खुलने पर मकान मालिक मयंक राठौर ने खिड़की का कांच पत्थर से तोड़कर अंदर झांका तो निशा फंदे पर लटकी हुई थी। इसके तुरंत बाद पुलिस को इस घटना की जानकारी दी गई।फिर खिड़की का कांच तोड़कर अंदर जाकर दरवाजा खोला गया। जिसके बाद तुरत मृतक के परिजन को इसकी सूचना दी गई। जिसके बाद उनके पहुंचने पर पंचनामा बनाकर रात लगभग 11 बजे शव को जिला अस्पताल भेजा गया।
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