Ranvijay Singh Judev: अब तक आपने छत्तीसगढ़ से मजदूरों का पलायन सुना था, जो रोज़ी-रोटी की तलाश में यूपी और पंजाब जाते थे। लेकिन अब एक नई तस्वीर सामने आई है, जिसमें नेताओं का पलायन हो रहा है। जशपुर राजघराने के प्रमुख रणविजय सिंह जूदेव ने छत्तीसगढ़ बीजेपी छोड़ दी है। रणविजय ने बीजेपी संगठन के रवैये से नाखुश होकर यह कदम उठाया है।
राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं रणविजय
रणविजय जूदेव को जशपुर राजपरिवार में राजा का दर्जा प्राप्त है और वे डॉ. रमन सिंह के पहले कार्यकाल में 2007 में छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके बाद उन्हें राज्यसभा सदस्य बनने का मौका भी मिला था।
हालांकि, पार्टी में उनका महत्व धीरे-धीरे घटने लगा। विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें अपनी रोड शो सभाओं में शामिल किया था, और ओडिशा विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने उन्हें जिम्मेदारी दी थी।
पार्टी ने नहीं दिया था कोरबा सीट से टिकट
लेकिन, लोकसभा चुनाव के समय रणविजय को कोरबा सीट से टिकट नहीं दिया गया और पार्टी ने उनकी जगह सरोज पाण्डेय को मैदान में उतारा। इसके बाद बीजेपी द्वारा दिग्गज नेता दिलीप सिंह जूदेव की बहू को महिला आयोग का सदस्य बनाए जाने से रणविजय काफी आहत हुए। जूदेव परिवार की बहू ने यह पद स्वीकार भी किया, और इसे जशपुर राजघराने के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
जशपुर राजपरिवार का प्रभाव खत्म नहीं हुआ: रणविजय
स्व. दिलीप सिंह जूदेव ने हिंदू धर्म के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को लेकर एक प्रभावशाली पहचान बनाई थी। उनका प्रभाव इतना था कि उनके एक बयान से सरकारें हिल जाती थीं। ऐसे प्रभावशाली परिवार की बहू को महिला आयोग का सदस्य बनाए जाने पर रणविजय सिंह जूदेव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जशपुर राजपरिवार का प्रभाव खत्म नहीं हुआ है और लोग आज भी उन्हें स्नेहभाव से देखते हैं।
अब रणविजय के लिए पार्टी में कोई बड़ा मौका नहीं बचा। अगर पार्टी उन्हें किसी बोर्ड या निगम में पद देती, तो वह उनके लिए पहले की तरह सम्मानजनक नहीं होता। वे नए मंत्रियों के विभागों के बोर्ड में काम करने को भी स्वीकार नहीं करेंगे।
दिल्ली बीजेपी के सदस्य बने रणविजय
मीडिया के सवाल पर कि उन्होंने छत्तीसगढ़ क्यों छोड़ा, रणविजय ने कहा कि उनके पास कोई और विकल्प नहीं था। उन्होंने यह भी बताया कि वे अब दिल्ली बीजेपी के सदस्य बन चुके हैं।
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने छत्तीसगढ़ छोड़ने से पहले प्रदेश बीजेपी नेताओं से अपनी बात रखी थी, तो उनका जवाब था कि सबको सब बातें पता हैं। रणविजय ने स्पष्ट किया कि उनका सियासी भविष्य अब दिल्ली बीजेपी में है।
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