Jarawa Tribe : दुनिया जितनी बड़ी है उतनी अनोखी और विचित्र भी, यहां पर भारतीय समुदाय और उनकी संस्कृति का तालमेल सजता है। अपने देश में कई समुदाय पाए जाते है जिनकी अपनी कहानियां है। आज हम बात कर रहे है 55 हजार साल पुराने एक ऐसे समुदाय की जिसका नाम है जारवा जनजाति (Jarawa Tribe )।
इस समुदाय में जहां गोरा बच्चा पैदा करना अभिशाप माना जाता है वहीं पर यहां काले बच्चे का स्वागत किया जाता है तो वहीं पर जरूरी भी माना जाता है, आइए जानते है ऐसा क्यों…
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कहां बसती है ये जनजाति
यहां पर इस समुदाय का बसेरा भारत के तटीय क्षेत्रों में एक अंडमान एवं निकोबार आइलैंड पर है, जहां पर जारवा जनजाति अपने अनूठे रहन -सहन के साथ 55 हजार सालों का समय बिता चुकी है। इसे पुरानी जनजाति के तौर पर जाना जाता है तो, वहीं पर लंबे समय से भारतीय महासागर के टापू पर इस जनजाति का निवास स्थान है।
भले ही दुनिया डिजिटल युग में प्रवेश कर चुकी है, लेकिन यहां पर अभी भी रहन -सहन पाषाण युग की तरह ही बना हुआ है। यहां लोग पाषाण युग की तरह ही जीवन व्यतीत कर रहे है। यहां समुदाय के निवासियों के व्यवसाय की बात की जाए तो, धनुष बाण से मछली और केंकड़े मारने से लेकर झुंड में सूअर का शिकार करना तक इनके पेट भरने का साधन है।
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सुंदर बच्चा पैदा किया तो मिलती है मौत
यहां पर समुदाय का रहन-सहन जहां पर बेहद अनूठा है वहीं मान्यताओं को सुन आप दंग रह जाएगे। यहां पर सुन्दर और गोरा बच्चा पैदा करना अभिशाप माना जाता है अगर पैदा किया तो बच्चे को मौत की भयानक सजा मिलती है। जहां पर गोरे होने के लिए लोग मंहगे ब्यूटी प्रॉडक्ट का सहारा लेते है वहीं पर यहां काले रंग को शुभ माना जाता है।
जब समुदाय की कोई भी गर्भवती महिला बच्चे को जन्म देती है तो पहले उसके रंग पर ध्यान दिया जाता है। अगर सुंदर और गोरा पैदा हुआ तो मौत की सजा और काला और बदसूरत पैदा हुआ तो पूजा की जाती है। अंधविश्वास का असर इतना फैला है कि, बच्चे के परिजन या पिता ही उसको मौत दे देता है।
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गर्भवती महिला को कराया जाता है खून का सेवन
यहां पर मान्यताएं और रहन-सहन जितना विचित्र है उतना ही इनका पालन करना जरूरी होता है , कहा यह भी जाता है कि, गर्भवती महिलाओं को जानवर का खून पिलाया जाता है. इनका मानना है कि ऐसा करने से बच्चे का रंग काला ही होगा। बरहाल जनजाति जहां पर विलुप्तता की कगार पर है वहीं पर मात्र 380 लोग यहां निवास करते है।
ये जनजाति आम दुनिया से बिल्कुल अलग है जिसके चलते इनकी तस्वीरें और वीडियो टूरिस्ट नहीं ले सकते है।