Doge Meme Dog Died: Doge Meme का असल कुत्ता (Dog) साल 2008 में रेस्क्यू किया गया था और इसे Atsuko Sato नाम के एक जापानी अध्यापक ने अडॉप्ट किया था।
इसका नाम Kabosu रखा गया क्योंकि Atsuko Sato को लगता है कि उसका चेहरा Kabosu फल (यह एक जापनी फल होता है जो नींबू की तरह दिखाई देता है इसका यूज सिरके की जगह किया जाता है) की तरह गोल है।
नहीं रहा दुनिया भर में Doge Meme के लिए मशहूर कोबोसु: इस शहर में श्रद्धांजलि सभा कर दी जाएगी अंतिम विदाई#Kabosu #DogeMeme #memecoin #crypto @elonmusk
पूरी खबर पढ़ें : https://t.co/bbHxQK9GiR pic.twitter.com/5NpX9pnpD2
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) May 24, 2024
कब हुआ था काबोसु का जन्म
काबोसु का जन्म 2 नवंबर 2005 को एक Japanese Pedigree Puppy Mill में हुआ था, जिसे काबोसु के जन्म के तुरंत बंद कर दिया गया था।
इसके बाद कोबोसु एक पशु शेल्ट में आ गया। इसके बाद में Atsuko Sato ने काबोसु को मौत के मुंह से बचाया और अपने पास रख लिया था।
खत्म हुआ काबोसु का जीवन सफर
डोगे मीम (Doge Meme) को इंस्पायर करने वाले लोकप्रिय जापानी कुत्ते काबोसु (Kabosu) की 24 मई को मृत्यु हो गई।
वह 19 साल का था। काबोसु के मालिक अत्सुको सातो (Atsuko Sato) ने आज एक ब्लॉग पोस्ट में काबोसु की मृत्यु की जानकारी दी है।
अत्सुको ने 2008 में शीबा इनु नस्ल के काबोसु को गोद लिया था। पोस्ट में उन्होंने कहा काबोसु आज 24 मई को सुबह 7.50 बजे गहरी नींद में सो गया काबोसु अब आराम कर रहा है।
26 मई को काबोसु के लिए एक विदाई कार्यक्रम
काबोसु के मालिक अत्सुको ने बताया कि हम रविवार, 26 मई को काबो-चान के लिए एक विदाई कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
यह दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे तक नरीता शहर के कोत्सु नो मोरी में फ्लावर काओरी में आयोजित किया जाएगा।
इंटरनेट पर वायरल था काबोसु
शीबा इनु की तस्वीरें 2010 में सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं थी और पिछले कुछ सालों में डोगे नामक मीम के रूप में अक्सर इंटरनेट पर वायरल होती रही हैं।
साथ ही यह 2013 में ये मीम डॉगकॉइन के बनने के पीछे का इंस्पिरेशन बना था जिसमें क्रिप्टोकरेंसी के लोगो के रूप में काबोसु की तस्वीर इस्तेमाल की गई थी।
प्रारंभ में, यह सिर्फ एक नकली करेंसी थी, लेकिन इसकी लोकप्रियता के चलते कई और कुत्तों पर आधारित क्रिप्टोकरेंसी बनीं हैं।
मस्क ने बनाया था कोबासु को X का लोगो
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने पिछले साल कुछ समय के लिए X (पूर्व में ट्विटर) सोशल मीडिया प्लेटफार्म का लोगो को बदलकर भी काबोसु की तस्वीर लगा दी थी।
इससे क्रिप्टो की कीमत आसमान छूने लगी थी। तभी से यह क्रिप्टोकरेंसी काफी पॉपुलर होने लगी थी।
यह भी पढ़ें- सतर्क रहें: ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए न करें इस पेमेंट गेटवे का यूज, सामने आया 6 करोड़ का साइबर फ्रॉड