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नई दिल्ली। आज के समय में हर कोई खूबसूरत दिखना चाहता है। जानकार मानते हैं कि खूबसूरत दिखने के लिए चेहरे के साथ-साथ बालों का भी ध्यान रखना चाहिए। इससे आपकी खूबसूरती और निखर जाती है। ऐसे में हम अपने बालों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए हमेशा शैम्पू का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि शैम्पू का अविष्कार किसने किया था, या किस देश में किया गया था।
शैंपू एक हिंदी शब्द है
दरअसल, शैम्पू शब्द सुनकर ऐसा लगता है, जैसे यह कोई विदेश शब्द है। लेकिन ये बिल्कुल गलत है। शैंपू एक हिंदी शब्द है जो संस्कृत से निकला है। शैम्पू शब्द, 'चम्पू' से बना है। चम्पू का अंग्रेजी में मतलब होता है 'हुट' यानी मसाज करना। भारत में पहले सौंदर्य प्रसाधन हर्बल तरीके से बनाए जाते थे, उस समय बालों को अच्छा और स्वस्थ रखने के लिए फलों के गूदे जैसे रीठा, आंवला इन सबका इस्तेमाल किया जाता था। लोग इससे चम्पू किया करते थे।
अंग्रेज इस पद्धति को अपने देश लेकर गए
अंग्रेज जब भारत आए तो उन्होंने देखा कि यहां के लोग बालों को स्वस्थ्य रखने के लिए चम्पू किया करते हैं। लेकिन वो चम्पू बोल नहीं पाते थे तो वे इसे 'शैंपू' कहने लगे। अंग्रेजों ने भी इसको यूज किया तो पाया कि यह बालों के लिए काफी पायदेमंद है। लिहाजा वो इसे अपने देश में लेकर चले गए और वहां पर चम्पू की जगह शैंपू शब्द के साथ इसे बाजार में उतारा।
कभी शैंपू को रहीसी शौक माना जाता था
आपको बतादें कि आज के समय में नार्मली हर कोई शैंपू का इस्तेमाल करता है। लेकिन पहले इसका इस्तेमाल केवल राजा महाराजा और रईस लोग ही किया करते थे। क्योंकि उस समय शैंपू बहुत महंगे होते थे। पहले शैंपू का इस्तेमाल करना रहीसी शौक माना जाता था।
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