भोपाल। एक तरफ जहां देश में कोरोना की रफ्तार धीमी होती जा रही है वहीं मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में कोरोना के बढ़ते मामलों ने सरकार से लेकर प्रशासन तक को परेशान कर रखा है। बतादें कि इंदौर में कोरोना के नए डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित 7 नए मरीज मिले है। इन 7 मरीजों में दो सेना के अधिकारी भी शामिल हैं। इस नए वेरिएंट को AY.4 कहा जा रहा है। आइए जानते हैं इस नए वैरिएंट के बारे में।
डेल्टा वैरिएंट का ही नया रूप है
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नया वेरिएंट डेल्टा वैरिएंट का ही नया रूप है। हालांकि, ये न तो डेल्टा है और न ही डेल्टा प्लस। AY.4 वेरिएंट सबसे पहले महाराष्ट्र के कुछ मरीजों में देखा गया था। जिसके बाद अब इसने मध्य प्रदेश में भी दस्तक दे दी है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएस सत्य्या के मुताबिक, यह वेरिएंट इतना नया है कि इसके बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। इसलिए फिलहाल ये नहीं कहा जा सकता कि ये फैलता कैसे है या ये कितना गंभीर रूप ले सकता है।
जीनोम सिक्वेसिंग में चौकाने वाला खुलासा
मालूम हो कि महाराष्ट्र में अप्रैल के महीने में किए गए जीनोम सिक्वेसिंग के आधार पर यह पता चला था कि AY.4 से करीब 1% लोग संक्रमित हैं। जो जुलाई में बढ़कर 2% हुए और फिर अगस्त में 44% लोग इस वैरिएंट से संक्रमित हुए। अगस्त में लिए गए 308 नमूनों में से 111 लोग यानी 36% डेल्टा (B.1.617.2) से संक्रमित थे, जबकि 137 लोग यानी 44% लोग AY.4 वैरिएंट से संक्रमित थे।
विशेषज्ञ सावधानी बरतने की दे रहे हैं सलाह
फिलहाल, इस वैरिएंट को लेकर दुनिया भर में रिसर्च चल रही है। कुछ एक्सपर्ट ने इस वैरिएंट की संक्रामक क्षमता को पुराने वैरिएंट से भी तेज बताया है और सावधानी बरतने की सलाह दी है। बता दें कि 24 सितंबर को इंदौर में 32 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। इनमें 30 लोग महू आर्मी वॉर कॉलेज के सैनिक थे और पुणे से ट्रेनिंग करके लौटे थे।
वैक्सीन के लग चुके थे दोनों डोज
लौटने के बाद उन्हें क्वारंटाइन कर जांच की गई। जांच में 23 सैनिक और छह डायरेक्टिंग ऑफिसर सहित 30 लोग पॉजिटिव पाए गए। एक व्यक्ति इनमें ए-सिम्पटोमैटिक था। सितंबर माह में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए इनके सैंपल भेजे गए थे, दिल्ली के एनसीडीसी लैब द्वारा जारी किए गए रिपोर्ट से पता चला है कि इन सैन्य अधिकारियों में से 2 अधिकारी AY.4 वैरिएंट से संक्रमित थे। मालूम हो कि इनमें से कई अधिकारियों को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लगाए जा चुके थे। फिर भी ये संक्रमित हो गए।