Mahabharata Facts in Hindi: जानना जरुरी है के इस आर्टिकल हम जानेंगे महाभारत काल की सैन्य संगठन के बारे में। हम सभी ने टीवी पर महाभारत देखा है, महाभारत के बारे में पढ़ा है। इसलिए ये सभी लोगों को पता है कि महाभारत के युद्ध में कौरवों और पांडवों की 18 अक्षौहिणी सेना समाप्त हो गई थी और सभी महारथियों की मृत्यु हो गई थी। आइए जानते हैं, महाभारत में वर्णित अक्षौहिणी क्या है (What was Akshauhini) और महारथी किसे कहते थे (Who was Maharathi)?
कितना भीषण था महाभारत युद्ध – How Fierce was the Mahabharata War?
महाभारत ग्मरंथ हाभारत युद्ध में 46,81,920 मानव, 27,15,620 अश्व यानी घोड़े और इतने ही अनुपात में हस्ती-दल यानी हाथियों की संख्या थी।
कौरव और पांडव को मिला कर कुल 18 की 18 अक्षौहिणी सेना काल के गाल में समा गए थे। इससे अनुमान लगा सकते हैं कि महाभारत का युद्ध कितना भीषण था।
अक्षौहिणी क्या है – What is Akshauhini?
अक्षौहिणी प्राचीनतम भारत में रथ, हाथी, घोड़े और पैदल सैनिकों के एक निश्चित अनुपात से बनी सेना की संख्या मापने की एक सबसे बड़ी इकाई थी।
वेद व्यास द्वारा रचित महाकाव्य महाभारत के अनुसार, पांडवों के पास 7 अक्षौहिणी और कौरवों के पास 11 अक्षौहिणी सेना थी।
पांडवों की 7 अक्षौहिणी सेना – 7 Akshauhini Sena of Pandavas
पांचों पांडव यानी युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव के पास आवश्यकतानुसार 7 अक्षौहिणी सेना थी। इस सेना में 1,53,090 रथ, 1,53,090 गज, 4,59,270 अश्व और 7,65,270 पैदल सैनिक थे। ये भिन्न-भिन्न महारथियों के नेतृत्व में आदेश का पालन करते थे।
कौरवों की 11 अक्षौहिणी सेना – 11 Akshauhini Sena of Kauravas
कौरवों के पास 11 अक्षौहिणी सेना थी। इसमें 2,40,570 रथ, 240570 गज, 7,21,710 घोड़े और 12,02,850 पैदल सैनिक सम्मिलित थे। ये भीष्म, द्रोणाचार्य, कर्ण आदि जैसे महा-योद्धाओं के मुख्य नेतृत्व में युद्ध करते थे।
एक अक्षौहिणी सेना कितनी होती थी – What was the Volume of Akshauhini Sena
महाभारत में वर्णित अक्षौहिणी को समझने से पहले ये समझना जरुरी है कि उस काल के सैन्य-संरचना कैसी होती थी।
प्राचीन सैन्य-ग्रंथों के अनुसार, एक अक्षौहिणी सेना के चार भाग थे- गज (हाथी सवार), रथ (रथी), घोड़े (घुड़सवार) और सैनिक (पैदल सिपाही)। इसके हर एक भाग को जोड़कर कुल संख्या योग 18 होता था।
इस सैन्य-संरचना में एक हाथी पर कम से कम दो सवार- एक पीलवान और दूसरा योद्धा होते थे। एक रथ में दो सवार- एक सारथि और एक योद्धा रहते थे। इस संगठन में चार घोड़े और चार सवार और बाकी पैदल सिपाही होते थे।
अक्षौहिणी सेना के प्रमुख भाग – Major Parts of the Akshauhini Sena
महाभारत के अनुसार, एक अक्षौहिणी सेना के नौ भाग थे:
पत्ति (Patti): इसके पंक्ति भी कहते हैं, जिसमें एक हाथी, एक रथ, तीन घोड़े और पांच पैदल सिपाही होते थे।
सेनामुख (Senamukh): यह पत्तियों से मिल कर बनती थी, जिसमें तीन गज, तीन रथ, नौ घोड़े और 15 पैदल सिपाही होते थे।
गुल्म (Gulm): यह तीन सेनामुखों से मिल कर बनती थी, जिसमें नौ गज, नौ रथ, 27 घोड़े और 45 पैदल सिपाही होते थे।
गण (Gana): यह तीन गुल्मों से मिल कर बनती थी, जिसमें 27 गज, 27 रथ, 81 घोड़े और 135 पैदल सिपाही होते थे।
वाहिनी (Vahini): यह 3 गणों से मिल कर बनती थी, जिसमें 81 गज, 81 रथ, 243 घोड़े और 405 पैदल सिपाही हुआ करते थी।
पृतना (Prutana/Pritana): यह 3 वाहिनियों से मिल कर बनती थी, जिसमें 243 गज, 243 रथ, 729 घोड़े और 1215 पैदल सिपाही होते थे।
चमू (Chamu): यह 3 पृतनाओं से मिल कर बनती थी, जिसमें 729 गज, 729 रथ, 2187 घोड़े और 3645 पैदल सिपाही हुआ करते थे।
अनीकिनी (Anikini): यह 3 चमू के संयोग से निर्मित होती थी, जिसमें 2187 गज, 2187 रथ, 6561 घोड़े और 10,935 पैदल सिपाही हुआ करते थे।
अक्षौहिणी (Akshauhini): यह सेना की सबसे बड़ी इकाई थी, जो 10 अनीकिनी के संगठन से बनता था। इसमें 21,870 गज, 21,870 रथ, 65,610 घोड़े और 1,09,350 पैदल सिपाही होते थे।
एक अक्षौहिणी सेना का संख्या बल – Number Strength of Akshauhini Sena
यदि ऊपर दिए गए आकंड़ों के योग को देखा जाए, तो एक अक्षौहिणी सेना में 21,870 गज (हाथी), 21,870 रथ, 65,610 घुड़सवार और 1,09,350 पैदल सिपाहियों को सम्मिलित कर कुल मानव संख्या बल 2,62,440 होता था।
इन चारों अंगों के 2,18,700 योद्धा और सैनिक बराबर-बराबर बंटे हुए होते थे। प्रत्येक इकाई का एक सैन्य प्रभारी होता था।
किसे कहते थे महारथी – Who was Maharathi?
प्राचीनतम काल में आर्यों ने अपनी सेना में हस्ति (हाथी), रथ, अश्व और पैदल होने के कारण सेना को चतुरंगिनी सेना कहते थे।
इसमें पत्ती, सेनामुख, गुल्म तथा गण के नायक अर्द्ध-रथी हुआ करते थे। जबकि, वाहिनी, पृतना, चमु और अनीकिनी के नायक रथी (अर्द्ध-रथियों के नेतृत्वकर्ता) हुआ करते थे।
इसी प्रकार एक अक्षौहिणी सेना का नायक अतिरथी (अनेक रथियों का कमांडर) होता था। और, एक से अधिक अक्षौहिणी सेना का नायक को एक महारथी कहते थे।
महारथी दरअसल में अनेक अतिरथियों के स्वामी होते थे। भीष्म, द्रुपद, कर्ण, द्रोण आदि महाभारत के सुप्रसिद्ध महारथी थे।
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