रायपुर। अक्सर जब भी हम सांपों के बारे में सुनते हैं तो हमारे अंदर डर का महौल पैदा हो जाता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे अद्भुत गांव की कहानी बताएंगे जहां एक विशालकाय पीपल के पेड़ पर एक दो नहीं, बल्कि दर्जनों खतरनाक अजगर रहते हैं। खास बात ये है कि गांव वाले इसे अपना वरदान मानते हैं। कहा जाता है कि अगर अजगरों मे इस गांव में डेरा नहीं डाला होता तो शायद ये गांव बर्बाद हो चुका होता। आइए जानते हैं इस गांव की कहानी
कहां स्थित है ये गांव?
अजगरों के इस अनोखे गांव का नाम है भडे़सर। छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में पड़ने वाले इस गांव के लोग इन अजगरों को देवताओं की तरह पूजते हैं और पिछले 26 वर्षों से गांववाले इन अजगरों के साथ दोस्त बनकर रहते हैं। गांव वाले बताते हैं कि दिनभर ये खेत में घूम-घूमकर कीट-पतंगों, चूहों, खरगोशों और जंगली सूअरों जैसे दूसरे जानवरों से खेत की रक्षा करते हैं।
गांव में खेती करना मुश्किल हो गया था
गांववालों की माने तो आजतक इन अजगरों ने रहवासियों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया है। यही कारण है कि यहां के लोग अजगरों का पूरा ख्याल रखते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार करीब 25 साल पहले गांव में खेती करना मुश्किल हो गया था। फसल तैयार होने से पहले ही कीट-पतंग, चूहों और जंगली जानवर खेत पर हमला बोलकर उन्हें खत्म कर देते थे।
दूर-दूर से लोग देखने पहुंचते हैं
ऐसे में गांव के रहने वाले आत्माराम पांडे के दादा ने दो अजगरों को लाकर इस पीपल के पेड़ पर पाला। आज 26 साल बाद भी इस पीपल के पेड़ पर दर्जनों अजगरों ने अपना
आशियाना बनाया हुआ है। गौरतलब है कि 200 साल पुराने इस पेड़ की कई हिस्से टूट चुके हैं। साथ ही पेड़ अंदर से खोखला है। इस खोखले हिस्से में ही अजगर रहते हैं। इन अजगरों को देखने के लिए यहां दूर-दूर से लोग भड़ेसर पहुंचते हैं।