Jammu Kashmir Election: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए आज वोटिंग शुरू हो गई है। 7 जिलों की 24 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं. जिसमें 16 सीटें कश्मीर और 8 सीटें जम्मू शामिल हैं। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, शोपियां, अनंतनाग और कुलगाम में मतदान हो रह है। 3 दूरदराज इलाके डोडा, किश्तवाड़ और रामबन भी शामिल हैं। 10 साल बाद जम्मू-कश्मीर की जनता को मुख्यमंत्री चुनने का मौका मिला है।
सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू
जम्मू-कश्मीर में सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू हो चुकी है जो शाम 6 बजे तक वोट चलेगी। पहले फेज के मतदान के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इलेक्शन कमीशन ने विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए भी खास इंतजाम किया है। दिल्ली, जम्मू और उधमपुर में विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए खास मतदान केंद्र बनाए गए हैं। दिल्ली में 4, जम्मू में 19 और उधमपुर में 1 स्पेशल पोलिंग बूथ बनाया गया है।
219 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला
जम्मू-कश्मीर चुनाव (Jammu Kashmir Election) के पहले चरण में 219 उम्मीदवार मैदान में हैं। 23 लाख 27 हजार मतदाता कैंडिडेट्स की किस्मत का फैसला करेंगे। चुनाव में कश्मीरी पंडित समुदाय के 6 उम्मीदवार शामिल हैं। संजय सराफ अनंतनाग सीट पर लोक जन शक्ति पार्टी (LJSP) के प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में हैं। बीजेपी के वीर सराफ, एमके योगी अपनी पार्टी से और निर्दलीय दिलीप पंडिता शंगस-अनंतनाग सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। रोजी रैना और अरुण रैना क्रमशः राजपोरा और पुलवामा सीटों से रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया और एनसीपी के उम्मीदवार के रूप में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
चुनावी मैदान में महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा
PDP की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती श्रीगुफवारा-बिजबेहरा क्षेत्र से चुनावी दौड़ में हैं, जबकि एआईसीसी के महासचिव और दो बार के मंत्री गुलाम अहमद मीर डूरू से मुकाबला कर रहे हैं। 4 बार के विधायक और अनुभवी सीपीआईएम नेता एमवाई तारिगामी कुलगाम से, पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता पीरजादा सईद अनंतनाग से और एनसी की सकीना इटू दमहाल हांजी पोरा से चुनावी मैदान में हैं।
धारा-370 भावनात्मक मुद्दा
जम्मू-कश्मीर, विशेषकर कश्मीर घाटी के निवासी धारा-370 के खत्म होने से अभी भी प्रभावित हैं। वे उस प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं, जिसके तहत विशेष दर्जा हटाया गया। राज्य के चुनावों में धारा-370 एक संवेदनशील विषय बना हुआ है। क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के चुनावी घोषणा पत्रों में भी यह मुद्दा प्रमुखता से शामिल है। नेशनल कांफ्रेंस और PDP के साथ-साथ इंजीनियर रशीद का पूरा चुनावी अभियान भी धारा-370 की पुनर्स्थापना पर केंद्रित है।
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बिजली परियोजनाओं को वापस करने की मांग
स्थानीय लोग जम्मू-कश्मीर में NHPC द्वारा चलाए जा रहे बिजली प्रोजेक्ट्स को वापस करने की मांग कर रहे हैं। ये मांग नेशनल कॉन्फ्रेंस और PDP दोनों के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के लोग बेरोजगारी की समस्या से भी परेशान हैं। बेरोजगार युवाओं की बढ़ती संख्या का जिक्र कांग्रेस समेत सभी पार्टियों के घोषणा पत्र में किया गया है। कांग्रेस का कहना है कि ये आंकड़े पिछले 45 सालों में सबसे ज्यादा हैं।
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