Jain Community Claim on Bhojshala: मध्यप्रदेश के धार जिले की ऐतिहासिक भोजशाला या कमाल मौला मस्जिद मामले में नया मोड़ सामने आया है. दरअसल ASI (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया ) ने 22 मार्च को भोजशाल का सर्वे शुरू किया था. जिसके बाद बीते 27 जून को सर्वे पूरा कर लिया गया है.
जिसकी रिपोर्ट 2 जुलाई को हाईकोर्ट में पेश की जानी है. लेकिन इन सबके बीच में जैन समाज ने भी भोजशाला पर अपना दावा ठोक दिया है. जैन समाज ने भोजशाला को अपना धार्मिक स्थल होने की बात कही है. बता दें आगामी 4 जुलाई को मामले की सुनवाई होनी है.
समाज का कहना है सर्वे में निकली मूर्तियों में जैन समाज की मूर्तियाँ भी शामिल हैं. साथ ही भोजशाला के परिसर को जैन गुरुकुल होने की बात कही है.
जैन समाज ने कही ये बात
जैन समाज के द्वारा भोजशाला सर्वे में जैन समाज की मूर्तियां मिलने और भोजशाला परिसर को जैन गुरुकुल होने के दावे को लेकर 8-10 दिन पहले इंदौर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. जैन समाज का कहना है कि “सर्वे में निकली मूर्तियों में से हिन्दू पक्ष जैन देवी देवताओं की मूर्ति को सरस्वती देवी की मूर्ति बता रहें हैं जी कि सही नहीं है”.
भोजशाल में उत्खनन के दौरान जैन तीर्थंकरों की मूर्तियां , शिलालेख और जैन देवी देवताओं की मूर्तियां निकली हैं. जिससे ये साबित होता है कि मंदिर था. इंदौर जैन संगठन के अध्यक्ष मयंक जैन और मीडिया प्रभारी राजेश जैन दद्दू के अनुसार सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के वकील दिनेश कुमार जैन समाज का पक्ष रखेंगे.
मीडिया प्रभारी राजेश जैन दद्दू ने ये बात कही है कि” भोजशाला मामले को लेकर चल रही सुनवाई में जैन समाज पक्ष के दो लोगों को शामिल किया जाए. साथ ही जैन समाज से जुडी जो भी चीजें निकल रही हैं वो समाज को सौपी जाए.
फाइनल रिपोर्ट होगी पेश
सोमवार को ASI (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया) की टीम सर्वे ख़त्म होने के चौथे दिन भोजशाला परिसर पहुंची थी. इस विजिट में टीम ने डॉक्यूमेंटेशन की प्रक्रिया पूरी की. जिसके बाद कल यानी मंगलवार 2 जुलाई को सर्वे टीम जाँच की फाइनल रिपोर्ट हाईकोर्ट की इंदौर पीठ को सौंपेगी.
लेकिन इस बीच जैन समाज के विश्व जैन संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य सलेक चंद जैन ने वरिष्ठ अधिवक्ता पीके शुक्ला और आशुतोष शुक्ला नेजैन मूर्तियां और गुरुकुल के दावे को लेकर याचिका दायर की है.