जगदलपुर। शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा। जी हां, ऐसा ही एक प्रयास बस्तर पुलिस ने किया है, जो सार्थक दिखाई दे रहा है। लालबाग में अमर वाटिका नाम से तैयार किया गया परिसर अब शहीदों के परिजनों के लिए दुःख दूर करने में सहायक साबित हो रहा है।
शहीदों की यादें है परिसर में
शहर सीमा पर स्थित इस वाटिका में 2001 से लेकर 2022 तक बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा लेते हुए शहादत पाए वीर जवानों के नामों की पट्टिकाएं उनकी शहादत तिथि के साथ अंकित की गई है। सुनने में बहुत ही सम्माननीय और भावनात्मक पहल है कि पुलिस विभाग ने ऐसा स्मारक तैयार किया है।
जिसमें शहीदों की यादें और उनकी शहादत को समर्पित किया गया है। इससे न सिर्फ उनके साहस और बलिदान को मान्यता मिलती है, बल्कि उनके परिजनों को भी उनके दुःख को साझा करने और समर्थन प्रदान करने का अवसर मिलता है।
अमर वाटिका में आते हैं शहीदों के परिजन
यह प्रयास शहीदों और उनके परिजनों के प्रति समर्पण और समर्थन का संकेत है, जिससे समाज में एक ऊंचे मानवीय मूल्यों की दिशा में कदम बढ़ाया जा सकता है। इस स्मारक के माध्यम से हम सभी को यह स्मरण रहेगा कि हमारे देश के योद्धाओं ने अपनी शहादत के माध्यम से हमारी सुरक्षा और स्वतंत्रता की रक्षा की थी।
यहां आकर करते हैं गौरवान्वित महसूस
इस प्रकार के प्रयास से हम समाज में समर्थन, साहस और सेवाभाव की भावना को बढ़ावा दे सकते हैं और उस निजता को समर्पित कर सकते हैं, जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया। समाज के एक महत्वपूर्ण कदम की ओर एक अच्छा प्रयास साबित हो सकता है, जो हमें शहीदों की साहसिकता और बलिदान की महत्वपूर्णता का आदर करने की सीख देगा।
परिसर में हरियाली भी है, जो यहां आने वालों की आंखों को सुकून देती है। भरे मन से यहां आने के बाद जो आदर और सम्मान का भाव परिजन महसूस करते हैं, वह अतुलनीय है।
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