जगदलपुर से रजत वाजपेयी की रिपोर्ट। Jagdalpur Naxalite News: सिर्फ 11 हजार रुपए में शिक्षा की अलख जगा रहे शिक्षा दूतों के लिए नक्सली काल दूत बन रहे हैं। सुकमा और बीजापुर जिले के माओवाद प्रभावित अंदरुनी गांवों में नन्हे-मुन्नों को शिक्षित-दीक्षित कर रहे इन शिक्षा दूतों की हत्या मुखबिरी का आरोप लगाकर नक्सली कर रहे हैं।
नक्सली यह नहीं चाहते
नक्सली नहीं चाहते कि उनके प्रभाव वाले इलाके के बच्चे पढ़-लिखकर आत्मनिर्भर बनें। संभवतः यही वजह है कि शिक्षा का दीया जलाने की कोशिश कर रहे शिक्षा दूतों को वे निशाने पर ले रहे हैं। जिन स्कूलों को नक्सलियों ने बंद करवा दिया था, उन स्कूलों को फिर से खोला गया है। यहीं शिक्षा दूतों की सेवाएं ली जा रही हैं।
कवासी सुक्का की कर दी थी हत्या
प्राशा ताड़मेटला में पदस्थ कवासी सुक्का की हत्या एक दिन पहले नक्सलियों ने कर दी। इससे पहले 2019 में बैनपल्ली में पदस्थ रहे शिक्षक मुचाकी लिंगा की भी हत्या की थी। यही वजह है कि आपबीती बताने और सरकार से समाधान निकालने की आस में शिक्षा दूत जगदलपुर पहुंचे और जिम्मेदारों से गुहार लगाई है।
वेतन का बड़ा हिस्सा पेट्रोल में ही खर्च
शिक्षा दूतों को 100 से 200 किमी दूरी तय कर मुख्यालय तक आना पड़ता है। विभाग की होने वाली बैठकों में इन्हें शामिल होना जरुरी है। ऐसे में वेतन के बतौर मिलने वाले 11 हजार रुपए में से काफी बड़ा हिस्सा पेट्रोल में ही खर्च हो जाता है।
दोपहिया से ही आवागमन करते हैं
चूंकि इलाके में बस और टैक्सियां भी नहीं चलती हैं, इसलिए दोपहिया वहान से ही शिक्षादूत आवागमन करते हैं। सुकमा जिले के जगरगुंडा, उरसंगल, चिंगारम, कामाराम, गोलापल्ली, जब्बा, भेज्जी, चिंतागुफा जैसे भीतरी इलाकों में इनकी पदस्थापना की गई है।
यह पहला मौका नहीं है, जब नक्सलियों ने किसी अच्छी पहल की खिलाफत करते कत्लो गारद मचाई हो। अब गेंद जिम्मेदारों के पाले में है। जान की अमान की दुहाई देते हुए शिक्षा दूतों समस्या का समाधान मांग रहे हैं।
यह भी पढ़ें-
Money laundering case: मनी लॉन्ड्रिंग का मामला, आईएएस अधिकारी संजीव जायसवाल ईडी के सामने हुए पेश
Manipur CM: क्या सीएम बिरेन सिंह का इस्तीफा है पॉलिटिकल ड्रामा? जमकर हो रही आलोचना
1 July Aaj Ka Ethihas: साल के सातवें महीने के पहले दिन क्या है खास, जानें आज का इतिहास
Ramchandra Prasad Yadav: भाजपा में शामिल हुए राजद नेता के भाई, पीएम मोदी की तारीफ की
Vladimir Putin: पुतिन ने पीएम मोदी को बताया “एक बड़ा दोस्त”, जानें क्या है इसके पीछे की वजह