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तहसीलदारों पर सीधे दर्ज न हो FIR: जबलपुर विवाद के बाद राजस्व विभाग के PS ने कलेक्टरों को याद दिलाया 3 साल पुराना आदेश

Tehsildar Strike: जबलपुर में जमीन नामांतरण मामले में तहसीलदार के खिलाफ दर्ज एफआईआर और गिरफ्तारी के बाद तहसीलदार हड़ताल पर चले गए थे।

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Rohit Sahu
तहसीलदारों पर सीधे दर्ज न हो FIR: जबलपुर विवाद के बाद राजस्व विभाग के PS ने कलेक्टरों को याद दिलाया 3 साल पुराना आदेश

Tehsildar Strike: जबलपुर में जमीन नामांतरण मामले में तहसीलदार के खिलाफ दर्ज एफआईआर और गिरफ्तारी के बाद तहसीलदार हड़ताल पर चले गए थे। हालांकि, राजस्व मंत्री और पुलिस अधीक्षक के हस्तक्षेप के बाद पांचवें दिन हड़ताल समाप्त हुई। इसके बाद, राजस्व विभाग ने सभी कलेक्टरों को तीन साल पुराने आदेश का रिमाइंडर भेजा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। यह कदम तहसीलदारों को उनकी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करने और जमीन नामांतरण प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

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राजस्व विभाग के PS ने आदेश याद दिलाया

राजस्व विभाग ने कलेक्टरों को याद दिलाया है कि तहसीलदारों को तीन साल पहले राजस्व न्यायालय के पीठासीन अधिकारी के रूप में मिले अधिकारों का ध्यान रखा जाए। इसके लिए अपर मुख्य सचिव गृह (पुलिस) विभाग को भी पत्र लिखा गया है, जिसमें कहा गया है कि तहसीलदारों के न्यायाधीश के अधिकारों को ध्यान में रखते हुए ही अधीनस्थ अफसरों को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जाए।

3 साल पुराना आदेश याद दिलाया

राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव विवेक पोरवाल ने कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि राजस्व न्यायालयों के पीठासीन अधिकारियों को न्यायाधीश संरक्षण अधिनियम, 1985 के तहत संरक्षण प्रदान किया जाए। यह आदेश 25 मार्च, 2021 को जारी किया गया था और सामान्य प्रशासन विभाग ने भी 31 जनवरी, 1994 को इस संबंध में निर्देश जारी किए थे। इसका मतलब यह है कि राजस्व न्यायालयों के सभी पीठासीन अधिकारी, जो एमपी भू-राजस्व संहिता की धारा 31 या किसी विधिक प्रावधान के तहत अर्द्ध न्यायिक या न्यायिक कार्यवाही कर रहे हैं, उन्हें न्यायाधीश संरक्षण अधिनियम, 1985 की धारा 2 के तहत न्यायाधीश माना जाएगा।

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कमिश्नर और कलेक्टर समन्वय बनाएं

पीएस ने आगे कहा कि संभागायुक्त और कलेक्टर समन्वय बनाएं। न्यायाधीशों के लिए अतिरिक्त संरक्षण के प्रावधानों का पालन करना कमिश्नर और कलेक्टरों की जिम्मेदारी है। इसलिए इसका ध्यान रखा जाए। अधिकारियों के बीच समन्वय के साथ क्षेत्राधिकार का भी ध्यान रखा जाए। तहसीलदारों द्वारा हड़ताल पर जाने के बाद राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा की चर्चा के बाद जारी किए हैं।

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