हाइलाइट्स
- जबलपुर में पुलिस आरक्षक रिश्वत लेते गिरफ्तार
- जबलपुर लोकायुक्त ने 5 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा
- लोकायुक्त की कार्रवाई, पुलिस महकमे में मचा हड़कंप।
Jabalpur Bribery Case: मध्य प्रदेश में भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई लगातार जारी है। लोकायुक्त के एक्शन के बाद भी रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। कार्रवाई के बाद भी सरकारी कार्यालयों में रिश्वत का खेल जारी है। ताजा मामला जबलपुर से सामने आया है। जबलपुर लोकायुक्त ने ओमती थाने के पुलिस आरक्षक को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरक्षक नितेश शुक्ला ने फरियादी के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज करवाने का दबाव कर 25 हजार रुपए रिश्वत की डिमांड की थी। इतना ही नहीं बाइक भी रख ली थी।
जानें पूरा मामला
दरअसल, जबलपुर लोकायुक्त ने यह कार्रवाई फरियादी शिवम चौरासिया की शिकायत पर की है। जिसमें फरियादी ने बताया था कि आरक्षक ने झूठी शिकायत दर्ज करवाने का दबाव बनाकर 25 हजार रुपए रिश्वत की डिमांड की थी, साथ ही जब्त बाइक पास में रख ली थी। बाद में थाने में खड़ी गाड़ी छोड़ने के नाम पर 5 हजार रुपए मांग जा रहे थे।
सोने के कंगन गिरवी रखने के बाद धोखाधड़ी
शिकायत के अनुसार जबलपुर के अंधेरदेव निवासी शिवम चौरासिया जो हार्डवेयर दुकान संचालक हैं, शिवम ने अपने व्यापार के सिलसिले में पैसों की आवश्कता पड़ने अपने दोस्त आयुष सोनी के पास सोने के दो कंगन गिरवी रखे थे, जिसके लिए साढ़े तीन लाख रुपए की बात हुई थी, दोस्त आयुष ने कंगन लेकर रुपए नहीं दिए। शिवम ने कई बार आयुष से पैसे वापस मांगे, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। थक-हार कर उन्होंने ओमती थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की। यहां से उनका उत्पीड़न शुरू हुआ।
नहीं मिला इंसाफ, पुलिस ने कटवाए चक्कर
शिवम ने लोकायुक्त से शिकायत में बताया कि मामले में पुलिस ने मदद न करते हुए उसे चक्कर कटवाए। साथ ही उसकी ही बाइक जब्त करते हुए कहा कि उसने नकली कंगन देकर पैसे मांगे है। इसके बाद धोखाधड़ी के मामले में 27 मई को थाने में पुलिस ने उनका आवेदन यह कहकर खारिज कर दिया कि इसमें गलतियां हैं।
झूठे केस में फंसाने की दी धमकी
28 मई को फिर ओमती थाने पहुंचने पर फरियादी की मुलाकात आरक्षक निलेश शुक्ला से हुई, जहां कहा कि गया शिकायत पत्र में गलतियां है, फिर कहा गया कि आयुष को दिए गए सोने के कंगन नकली है, जिसके कारण तुम्हारे खिलाफ ही केस दर्ज किया जाएगा।
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25 हजार की रिश्वत की डिमांड, बाइक की जब्त
शिवम का आरोप है कि थाने में तैनात आरक्षक नितेश शुक्ला और एसआई शिवगोपाल गुप्ता ने झूठे केस में फंसाने की धमकी देते हुए कि कहा कि इसके खिलाफ धोखाधड़ी का केस बन सकता है। अगर 25 हजार रुपए नहीं दिए तो झूठे केस में फंसा दिए जाएगा। नकली सोने के कंगन बेचने के आरोप में गिरफ्तारी किया जाएगा। इसी दौरान, पुलिस ने शिवम की रॉयल एनफील्ड बाइक भी जब्त कर थाने में खड़ी करवा दी। यह बाइक दोस्त से मांगकर लाया था।
लोकायुक्त से शिकायत के बाद कार्रवाई
बार-बार थाने के चक्कर काटने से परेशान शिवम ने आखिरकार जबलपुर लोकायुक्त से संपर्क किया। शिवम ने लोकायुक्त एसपी से संजय साहू से मुलाकात कर पूरी घटना बताई। इसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत की जांच कराई तो मामला सही निकला। सामने आया कि ओमती थाने में पदस्थ आरक्षक और एसआई द्वारा शिवम को परेशान किया जा रहा है।
आरक्षक नितेश शुक्ला रिश्वत लेते गिरफ्तार
शिकायत के सत्यापन होने के बाद डीएसपी सुरेखा परमार के निर्देशन में टीम गठित की गई। लोकायुक्त की टीम ने सोमवार (2 जून) को आरक्षक नितेश शुक्ला को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी आरक्षक नितेश शुक्ला के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। वहीं, इस मामले में सब-इंस्पेक्टर शिवगोपाल गुप्ता की भूमिका को लेकर भी जांच जारी है।
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